Jharkhand में किसे मिला कौन सा मंत्रालय
सत्यानंद भोक्ता को पूर्व की तरह श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल और उद्योग विभाग आवंटित किया गया है। बैद्यनाथ राम को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता के साथ उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग सौंपा गया है। दीपक बिरुआ को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण के साथ-साथ परिवहन विभाग का प्रभार सौंपा गया है। बन्ना गुप्ता के पास स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण तीसरी बार बरकरार रखा गया है। इसके अलावा उन्हें खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों का विभाग सौंपा गया है। पहली बार मंत्री बने इरफान अंसारी को ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज विभाग आवंटित किए गए हैं।
मिथिलेश ठाकुर को लगातार तीसरी बार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग दिया गया है। हफीजुल हसन को पहले की तरह अल्पसंख्यक कल्याण, निबंधन, पर्यटन, कला-संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग सौंपे गए हैं। इस बार उन्हें नगर विकास एवं आवास विभाग भी सौंपा गया है। बेबी देवी को महिला, बाल विकास एवं सामुदायिक सुरक्षा विभाग और दीपिका पांडेय सिंह को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता और आपदा प्रबंधन विभाग आवंटित किया गया है। जिन विभागों का आवंटन किसी भी मंत्री को नहीं किया गया है, वे सीएम के अधीन होंगे। विभागों के बंटवारे की अधिसूचना सरकार के प्रधान सचिव वंदना डाडेल के हस्ताक्षर से जारी की गई है।
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की कैबिनेट से छुट्टी हो गई है। इस मंत्रालय में झामुमो से छह, कांग्रेस के चार और आरजेडी कोटे से एक विधायक को मंत्री बनाया गया है।
पास किया विश्वासमत
मौजूदा विधानसभा में मौजूद 76 सदस्यों में से 45 ने सरकार के पक्ष में मतदान किया। विधानसभा के मौजूदा स्ट्रेंथ के हिसाब से बहुमत के लिए न्यूनतम 39 मतों की जरूरत थी। भाजपा और आजसू के विधायकों ने वोटिंग के दौरान सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए सदन का बहिष्कार किया। सीएम हेमंत सोरेन ने सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर विश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस पर वाद-विवाद के बाद अपराह्न 12 बजकर 20 मिनट पर वोटिंग कराई गई।