हरियाणा में बीते दिन किसानों पर हुए लाठीचार्ज की घटना से राकेश टिकैत भड़क गए हैं। रविवार को उन्होंने हरियाणा के नूंह में एक महापंचायत को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि कल (शनिवार) एक अधिकारी ने (पुलिसकर्मियों को) किसानों के सिर पर वार करने का आदेश दिया था। वे हमें खालिस्तानी कहते हैं। अगर आप हमें खालिस्तानी और पाकिस्तानी कहेंगे, तो हम कहेंगे कि ‘सरकारी तालिबानी’ ने देश पर कब्जा कर लिया है। वे ‘सरकारी तालिबानी’ हैं।
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टिकैत ने आगे कहा कि किसानों का सिर फोड़ने की बात कहने वाले अधिकारियों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाए। वह IAS अधिकारी (करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा) ‘सरकारी तालिबानी’ के पहले कमांडर हैं।
किसानों की मौत का कार्ड बनेगा किसान क्रेडिट कार्ड
राकेश टिकैत ने हरियाणा के नूंह में सभा को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की ओर से शुरू किए गए किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आज देश कंपनियों के हाथो में जा चुका है। अदानी ने पूरे हिमाचल के सेब के बागानों पर कब्जा कर लिया है। बड़े-बड़े गोदाम वहां बन चुके हैं। जो रेट 2011 में था आज भी वे उसी रेट पर खरीद कर रहे हैं। ऐसे में किसान क्रेडिट कार्ड एक दिन किसान की मौत का कार्ड बनेगा।
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तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि वे (सरकार) कहते हैं कानून में काला क्या है ये बताओ। हमने कहा कि कानून में सफेद क्या हो वो बताओ। वे कहते हैं कि इसके अंदर का सब बदल देंगे, बाहर का न बदलवाओ। ये 3 कानून भी बदले जाएंगे। MSP पर गारंटी कार्ड भी चाहिए।
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने की जांच की मांग
हरियाणा के करनाल में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर शनिवार को हुए लाठीचार्ज की घटना की निंदा करते हुए पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जांच की मांग की है। हुड्डा ने कहा कि लोकतंत्र लाठी और गोली से नहीं चलाया जा सकता। सरकार लोगों का दिल जीतने से चलती है। समस्या का समाधान बातचीत से निकलता है। बातचीत से समाधान निकालना चाहिए। लाठी चलाने से आवाज नहीं दबती है।
उन्होंने आगे कहा कि कल जो कुछ भी हुआ उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। किसी अधिकारी को पुलिस को इस तरह निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है। वर्दी वालों को जो निर्देश दिए जा रहे थे वो थानेदार, एसपी या डीएसपी का काम है।