दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए तीन दिसंबर से अगले आदेश तक के लिए स्कूलों को बंद कर दिया गया था। दरअसल ये फैसला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत की ओर से लगाई गई फटकार के बाद लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा जा रहा है जबकि बच्चों को स्कूल कैसे बुलाया जा रहा है।
यह भी पढ़ेँः Omicron In Delhi: राजधानी में एक दिन में दोगुने हुए ओमिक्रॉन के केस, 10 नए लोगों में हुई संक्रमण की पुष्टि
शिक्षा निदेशालय की ओर से स्कूलों को खोलने का आदेश जारी कर दिया गया। इसमें कहा गया कि, एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की मंजूरी के बाद छठी से बारहवीं तक के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी स्कूल, एनडीएमसी, एमसीडी और दिल्ली छावनी बोर्ड के स्कूल 18 दिसंबर शनिवार से खोले जा रहे हैं।
सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वह स्कूल दोबारा खोले जाने की जानकारी अभिभावकों, छात्रों, कर्मचारियों और एसएमसी सदस्यों तक पहुंचाएं।
हालांकि 3 दिसंबर के स्कूल बंद होने से पहले इन्हें 29 नवंबर को ही खोला गया था। महज चार दिन बाद ही सरकार को स्कूल बंद करने का निर्णय लेना पड़ा था।
दिल्ली में खुल रहे स्कूलों को सरकार की ओर से साफ निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके तहत कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया जाना अनिवार्य है। इसके तहत स्क्रीनिंग, सैनिटाइजिंग, डिस्टेंसिंग समेत तमाम सावधानियों का ध्यान रखना अनिवार्य है।
बच्चों को अच्छे प्रदूषण मास्क इस्तेमाल करने की अपील की गई है। वहीं फिलहाल स्कूलों के प्लेग्राउंड नहीं शुरू होंगे और न ही कोई गैदरिंग आयोजित की जा सकेगी।
यह भी पढ़ेँः Weather Forecast In Delhi: कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड के लिए हो जाएं तैयार, 8 डिग्री तक लुढ़क सकता है पारा
ओमिक्रॉन ने बढ़ाई चिंता
दिल्ली सरकार ने भले ही स्कूलों को खोलने का निर्णय ले लिया है। लेकिन राजधानी में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। हालांकि पहले अभिभावत चाहते थे कि स्कूल खोले जाएं क्योंकि लंबे समय से कोरोना की वजह से स्कूल बंद होने के कारण बच्चे घरों में कुंठित हो रहे हैं। यही नहीं पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है, लेकिन अब ओमिक्रॉन ने पैरेंट्स की दोहरी चिंता बढ़ा दी है।