चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक बीते 24 घंटे में ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं। दोनों तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं, उत्तर पूर्वी प्रांत जिलिन में रविवार कोरोना वायरस के कुल 4,455 नए मामले सामने आए, जो शनिवार को सामने आए मामलों से अधिक हैं।
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चीन में 2019 के अंत में वुहान में मिले मामलों के बाद ये आंकड़ा सबसे ज्यादा हैं। शंघाई में 2.6 करोड़ की आबादी दो चरणों में लॉकडाउन का सामना कर रही है।
चीन में बिगड़े हालात, PLA नें संभाला मोर्चा
– चीन में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि प्रशासन को यहां पर सेना भेजने पड़ी है।
– शंघाई में PLA ने कुल 2,000 मेडिकल पर्सनल्स की तैनाती की है।
– अलग-अलग इलाकों में हजारों की संख्या में हेल्थवर्कर्स भी तैनात किए गए हैं।
– ये लोग घर-घर जाकर कोरोना टेस्टिंग कर रहे हैं। साथ ही लोगों को घर में ही रहने की हिदायत भी दी जा रही है।
– जियांग्सू, जेजियांग और बीजिंग समेत कई प्रांतों से भी डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों को शंघाई भेजा गया है
– इस तरह करीब 10 हजार से ज्यादा लोगों की टीम जांच अभियान में जुटी है।
ऐसे चल रहा कोरोना काबू करने का अभियान
शंघाई में कोराना की लहर ज्यादा तेज नहीं है, लेकिन चीन जिस ढंग से कोराना टेस्टिंग, ट्रैसिंग व क्वारंटाइन के कदम कर महामारी पर काबू पाता है, उस लिहाज से यह अहम है। चीन में सख्त क्वारंटाइन नियम हैं। इसके तहत सभी संक्रमित मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों को अन्य लोगों से अलग कर दिया जाता है।
पुडोंग में लाखों लोग लगातार घरों में कैद हैं। निवासियों से कहा गया है कि वे रोजाना कोविड-19 की जांच करें, घर में मास्क लगाने समेत एहतियाती उपाय करें और परिवार के सदस्यों के नजदीक जाने से बचें।
बता दें कि, वुहान में 76 दिन का लॉकडाउन लगाया था, लेकिन वहां लोगों को इसे लेकर ज्यादा शिकायतें नहीं थी। शंघाई में कई लोग इसकी शिकायतें कर रहे हैं।
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