आपको बता दें कि, मोनू पटेल 32 साल के थे और कुछ दिन पहले ही हत्या के प्रयास के प्रकरण में वो अदालत से बरी हुए थे। इस मामले में उनके पिता भी आरोपी थे। मोनू के निधन की खबर सामने आते ही जालम सिंह की विधानसभा क्षेत्र के साथ साथ पूरे नरसिंहपुर में शोक की लहर है। फिलहाल, सोमवार की सुबह पोस्टमार्टम के बाद मोनू सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अंतिम संस्कार में कैंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी शामिल हुए हैं।
यह भी पढ़ें- अजब MP का गजब ठेकेदार : बरसते पानी में मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट वाली सड़क पर बिछा दिया डामर, VIDEO
कैसे हुई मौत
बताया जा रहा है कि, दोपहर करीब 1 बजे मोनू पटेल नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गोटेगांव में स्थित घर के अपने कमरे में गए थे। उसके बाद शाम 6 बजे तक जब वो अपने कमरे से बाहर नहीं निकले तो घर वालों ने दरवाजा खटखटाया। काफी देर तक अंदर से जब कोई आवाज नहीं आई तो दरवाजा खोलकर देखा। मोनू अपने बिस्तर पर उल्टा पड़ा था। आनन फानन में परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मोनू की मौत की खबर पूरे शहर में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते गोटेगांव के सरकारी अस्पताल में समर्थकों की भीड़ जुट गई। आलम ये था कि, भीड़ के कारण अन्य भर्ती मरीजों की सुलभता को देखते हुए अस्पताल के गेट बंद करने पड़े।
यह भी पढ़ें- इंदौर में Live Murder : हत्या का वीडियो आया सामने, इलाके में सनसनी
हत्या के प्रयास के आरोप से हुए थे बरी
आपको याद दिला दें कि, हालही में नरसिंहपुर से भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल और उनके बेटे मोनू पटेल को जबलपुर की विशेष अदालत से राहत मिली थी। दोनों हत्या की कोशिश के मामले में आरोपी थे। कोर्ट ने पिता-पुत्र को दोषमुक्त करार देते हुए नवंबर 2014 के मामले से बरी कर दिया। जब गोटेगांव के एक शख्स ने विधायक, उनके पुत्र और गार्ड पर मारपीट कर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया था। फिलहाल, कुछ दिन पूर्व ही केरपानी में आयोजित गौरव दिवस की व्यवस्थाएं मोनू पटेल ने ही संभाली थी। हालांकि, उस दौरान वो पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे।