एमपी में मंत्री-विधायक-अधिकारी जो महीनों में नहीं कर पाए वो गांव वालों ने कुछ घंटों में कर दिया..
Inspirational Work : गांव वालों का ये काम दूसरे लोगों को प्रेरणा तो देता ही है कि जिम्मेदारों के भरोसे न रहें अपने स्तर पर भी प्रयास करें तो वहीं जिम्मेदारों को ये सबक भी सिखाता है कि जाग जाइए वरना जनता जाग चुकी है…।
Inspirational Work : मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में गांव वालों ने एक नजीर पेश की है, गांव वालों ने वो कर दिखाया है जो मंत्री-विधायक और एसी केबिन में बैठे जिम्मेदार अफसर महीनों में नहीं कर पाए। मामला नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा नेशनल हाइवे 574 से जुड़ा है। जो बीते कई दिनों से बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुका था। नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा नेशनल हाइवे की ‘लाड़ली’ सड़क की दुर्दशा जब जिम्मेदारों को नजर नहीं आई तो शहर से 7 किमी. दूर बसे सिंहपुर (बड़ा) गांव के जिम्मेदार नागरिक खुद आगे आए और जनसहयोग से ही सही रोड के अपनी लाड़ली सड़क की मरहम पट्टी कर गड्ढों को भर दिया। हैरानी की बात ये भी है कि जिन स्थानों पर रोड पर ये गड्ढे भरे गए उससे महज कुछ ही किलो मीटर की दूरी पर टोल टैक्स भी है।
नरसिंहपुर से छिंदवाड़ा की ओर गुजरने वाला नेशनल हाइवे 547 बीते लंबे समय से काफी खराब हालत में है। रोड पर गड्ढे इतने गहरे हो चुके हैं कि रोजाना कई हादसे हो रहे हैं। सिंहपुर (बड़ा) गांव के लोगों ने बताया कि अलग अलग कामों के कारण उन्हें दिन में कई बार शहर जाना पड़ता है ऐसे में सड़क की दुर्दशा से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। कई बार स्थानीय विधायक व सांसद से रोड सुधरवाने के लिए आवेदन दिए पर जब कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो उन्होंने खुद ही जनसहयोग से रोड के गड्ढे भरने का फैसला लिया। गड्ढे भरने में 30 बोरी सीमेंट, एक ट्रॉली गिट्टी और एक ट्रॉली रेत लगी है जो सब कुछ जनसहयोग से हुआ है।
जनसहयोग से ठीक की सड़क
जनसहयोग क्या होता है इसका भी उदाहरण सिंहपुर के लोगों ने पेश किया है। सड़क के गड्ढे भरने के लिए रेत, गिट्टी, सीमेंट जो कुछ भी लगा वो सब कोई न कोई अपनी स्वेच्छा से लेकर आया। किसी ने गिट्टी दी तो किसी ने रेत, कोई सीमेंट की बोरियां खरीद लाया। कारीगर भी पीछे नहीं रहा और उसने बिना कोई मेहनताना लिए रोड के गड्ढों पर सीमेंट भरकर कन्नी चलाई। करीब दो से तीन किलोमीटर के बीच बने बड़े बड़े गड्ढों को ग्रामीणों ने इस दौरान भरवाया है।
वकील..सरपंच..किसान सब आए एक साथ
काम नेक हो तो लोग जुड़ते ही जाते हैं कुछ ऐसा ही हाईवे के गड्ढे भरने के दौरान नजर आया। इस काम में शामिल होने वाले गांव के कुछ लोगों ने पत्रिका डॉट कॉम से बातचीत करते हुए जो कुछ कहा वो भी जानिए..
हाईवे के गड्ढे भरने के लिए जनसहयोग से काम किया गया है। अभी रोड के एक साइड के ही गड्ढे भरे गए हैं दूसरी साइड के गड्ढे भरने के लिए फिर से एक दिन जनसहयोग से काम किया जाएगा।
देवलाल पाल, सरपंच, सिंहपुर (बड़ा) करीब 4 महीने पहले ही हाइवे की रोड को बनवाया गया था लेकिन इतने कम वक्त में ही उखड़ गईं। जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों को आवेदन दिए पर कोई काम नहीं हुआ। जिसके कारण हम सभी गांव वालों ने मिलकर ये गड्ढे भरने का निर्णय लिया।
मुकेश शर्मा, अध्यक्ष, जिला बार एसोसिएशन खेत जाना हो या फिर नरसिंहपुर शहर, रोड के गड्ढे नासूर बन चुके थे, रोजाना लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे थे। कब तक जिम्मेदारों के भरोसे रहते पूरा गांव इसका खामियाजा भुगत रहा था।