पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने बताए मौत से पहले के 4 सिग्नल, जो हर किसी को मिलते हैं..
जब अपना खुद का मृत्यु महोत्सव मनाने के बारे में स्वामी परसराम साहू से बात की गई तो उन्होंने जिंदगी का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि जीवन अगर उत्सव है तो मृत्यु महोत्सव है। सभी लोग अपने जन्म के वक्त खुश होते हैं और मौत आने पर दुखी, लेकिन सच्चाई में यह जिंदगी और और एक ही सिक्के के 2 पहलू हैं।इसलिए जब लोग जन्म को उत्सव के तौर पर मनाते हैं तो मृत्यु को भी महोत्सव की तरह मनाना चाहिए।