पाकिस्तान के कब्जाए इलाके
1- पाक अधिकृत कश्मीर (POK)
क्षेत्र– लगभग 78,114 वर्ग किलोमीटर प्रमुख क्षेत्र– मीरपुर, मुज़फ़्फ़राबाद, गिलगित-बाल्टिस्तान कब किया कब्जा– 1947-48 क्यों किया कब्जा- भारत-पाक विभाजन के बाद, पाकिस्तान ने कबायली आक्रमणकारियों की मदद से कश्मीर पर हमला किया। कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौता (इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन) किया, जिसके बाद भारतीय सेना ने कश्मीर में जाकर कबायलियों से युद्ध किया। लेकिन इस युद्ध के दौरान, पाकिस्तान ने कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। 1949 में युद्धविराम के बाद ये इलाका पाकिस्तान के नियंत्रण में रहा। स्थिति– ये इलाका भारत का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन पाकिस्तान इसे अपने कब्जे में रखता है।
2- शक्सगाम घाटी
क्षेत्र– लगभग 5,180 वर्ग किलोमीटर कब किया कब्जा-1963 क्यों किया कब्जा- ये इलाका पाकिस्तान ने चीन को 1963 में एक संधि के तहत सौंप दिया। भारत इसे अवैध और अमान्य मानता है। पाकिस्तान का उद्देश्य PoK को अपने कब्जे में रखना है और इसे चीन-पाक आर्थिक गलियारे (CPEC) का हिस्सा बनाना है। इसके जरिए वो भारत के खिलाफ रणनीतिक लाभ उठाना चाहता है।
चीन के कब्जाए इलाके
1-अक्साई चिन
क्षेत्र– लगभग 37,244 वर्ग किलोमीटर कब किया कब्जा- 1950-1962 क्यों किया कब्जा- अक्साई चिन लद्दाख का हिस्सा है। 1950 के दशक में चीन ने चुपचाप इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और इसे शिनजियांग और तिब्बत को जोड़ने वाले सड़क मार्ग China National Highway-G219 का हिस्सा बना दिया। 1962 के भारत-चीन युद्ध में चीन ने इस क्षेत्र को अपने नियंत्रण में रखा।
वर्तमान स्थिति– भारत इस हिस्से को अपना अभिन्न हिस्सा मानता है और चीन का कब्जा अवैध मानता है। अक्साई चिन के जरिए चीन शिनजियांग और तिब्बत के बीच सीधा संपर्क बनाए रखना चाहता है। इसके जरिए वो भारत पर सामरिक दबाव बनाना चाहता है।
2- अरुणाचल प्रदेश में विवाद
क्षेत्र– चीन लगभग 83,743 वर्ग किलोमीटर के पूरे अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है। क्या रहा मामला- 1962 के भारत-चीन युद्ध में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर अस्थायी कब्जा कर लिया। हालांकि युद्ध के बाद चीन ने इन हिस्सों से पीछे हटने की घोषणा की। वर्तमान स्थिति– चीन अरुणाचल प्रदेश को ‘दक्षिण तिब्बत’ कहता है और इस पर दावा करता है जबकि ये भारत के पूर्ण अधिकार में है।
भारत का रुख
भारत ने कई बार खुले मंचों से ये कहा है कि स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान और चीन द्वारा कब्जा किया गया कोई भी क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा है। संसद ने 1994 में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया कि पीओके भारत का हिस्सा है और इसे वापस लेना भारत का उद्देश्य है। अक्साई चिन और शक्सगाम घाटी पर भी भारत अपना दावा बनाए हुए है।