नागौर शहर पूर्व में इन दरवाजों के भीतर ही स्थापित था। बाद में आबादी विस्तार हुआ तो दरवाजों के बाहर भी बसावट होने लगी। ऐसे में ये दरवाजे अब एक तरह से शहर के बीच में आ गए हैं। आवाजाही के दौरान इन दरवाजों में से ही गुजरना होता है।
देखरेख के अभाव में ऐतिहासिक दरवाजें अब जर्जर हो रहे हैं। सौंदर्यन योजना के तहत इनकी मरम्मत करवाई जाएगी। साथ ही मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए रंग-रोगन किया जाएगा। कायाकल्प होने से दरवाजों को मजबूती मिलेगी। फिलवक्त रख-रखाव नहीं होने से दरवाजों की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ रही है। अभी किसी में चूना झर रहा है तो किसी के पत्थर खिसक रहे हैं।
– अभी शहर में कुल 6 दरवाजें हैं
– दिल्ली, नकास, कुम्हारी, अजमेरी, माही व नया दरवाजा
– सौंदर्यन में शामिल हैं दो पोल
– हाथी पोल, अमर टॉवर (दोनों गांधी चौक के पास) जल्द काम शुरू होगा…
दीपावली से पहले शहर के छह दरवाजों व दो पोल का सौंदर्यन किया जाएगा। इसके लिए टैंडर हो चुके हैं। जल्द ही काम शुरू करवाएंगे।
– जोधाराम बिश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर