हुआ यूं कि नागौर मेडिकल कॉलेज डॉ एसके भास्कर और जेएलएन अस्पताल के पीएमओ डॉ आरके अग्रवाल को सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे पुराना अस्पताल भवन में संचालित मातृ व शिशु स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचना था। अन्य दिनों की अपेक्षा बदला-बदला सा नजारा दिखा। कॉलेज स्टूडेंट/रेजीडेंट डॉक्टर तो दिखे ही सीनियर डॉक्टर भी पूरे जोश-खरोश में नजर आए। जैसे ही प्रिंसिपल भास्कर और पीएमओ अग्रवाल के साथ डॉ अनिल पुरोहित के आने की खबर मिली तो पूरा स्टाफ हरकत में आ गया। साफ-सफाई भी पूरी थी तो ड्यूटी को लेकर सतर्कता भी।
इनके आते ही यहां के वरिष्ठ डॉ मूलाराम कडेला ने इनका स्वागत करते हुए अस्पताल का निरीक्षण कराना शुरू किया। यहां ओपीडी कक्ष में डॉ गुलाब खुडख़ुडिय़ा, डॉ दीपिका व्यास, डॉ आरएस सांखला समेत अन्य डॉक्टर मौजूद थे तो मरीजों को उनके देखने का तौर-तरीका भी डॉ भास्कर को पसंद आया। यहां डॉ भास्कर ने चिकित्सकों से बातचीत की। वहीं बगल के कमरे में नजर आए दो रेजीडेंट डॉक्टर्स को सामान्य ड्रेस में दिखने पर डॉ भास्कर ने लताड़ लगाई और एप्रिन पहनने को कहा। वैसे गिने-चुने डॉक्टर्स ही एप्रिन में नजर आए।
डॉ मूलाराम कड़ेला ने प्रिंसिपल को अस्पताल के वार्ड, ऑपरेशन थिएटर का भी निरीक्षण कराया। एनआईसीयू की व्यवस्थाओं से प्रिंसीपल डॉ. भास्कर खुश नजर आए। उन्होंने पीएमओ डॉ. आरके अग्रवाल को लेबर रूम समेत अन्य को भी और बेहतर करने को कहा।
एक बेड पर दो प्रिंसीपल डॉ भास्कर को जननी सुरक्षा योजना वार्ड में एक बेड पर दो जने लेटे नजर आए। उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। इसके अलावा उन्हें कार्मिकों से पहले ही मिली शिकायतों पर भी पीएमओ से कहा कि इसे तुरंत निस्तारित करें। नर्सिंगकर्मी के साथ डॉक्टर्स भी बेहतर ढंग से कार्य करें, ऐसा माहौल होना चाहिए।
सीवरेज प्लांट में चोरी तो नाइट ड्यूटी पर सवाल इसके बाद पीएमओ डॉ. अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि एमसीएच विंग में बेहतर तरीके से सेवा दी जा रही है। कुछ खामियां है, इसे दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कह दिया गया है। नर्सिंगकर्मियों की नाइट ड्यूटी पर हो रहे पक्षपात के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए नर्सिंग अधीक्षक से बात कर जवाब मांगा जाएगा। सीवरेज प्लांट में मोटर/पम्प चोरी के संदर्भ में पीएमओ का कहना था कि इसके लिए कमेटी बनाई गई है। इसकी जानकारी नगर परिषद आयुक्त को दे दी गई है। वार्ड में अटेंडेंट को लेकर सवाल पर उनका कहना था कि ये समस्या खत्म हो सकती है, इसमें जनता की भूमिका महत्वपूर्ण है। वैसे मरीज के साथ केवल एक अटेंडेंट ही होना चाहिए।