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किसान इस तरह जीेरे की करेंगे बुआई तो ज्यादा उत्पादन के साथ बीज की भी होगी बचत

जीरे की बेहतर उत्पादकता के लिए काश्तकार सीड ड्रिल का करें उपयोग-चौपाल कार्यक्रम में किसानों को बेहतर तरीके से खेती करने की दी गई जानकारियांनागौर. भारतीय कृषि तकनीकी अनुपयोग अनुसंधान संस्थान अटारी, जोधपुर जोन द्वितीय के निदेशक डॉ. जे. पी. मिश्रा ने कृषि विज्ञान केन्द्र अठियासन का बुधवार को अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कृषि […]

नागौरOct 23, 2024 / 10:23 pm

Sharad Shukla

जीरे की बेहतर उत्पादकता के लिए काश्तकार सीड ड्रिल का करें उपयोग
-चौपाल कार्यक्रम में किसानों को बेहतर तरीके से खेती करने की दी गई जानकारियां
नागौर. भारतीय कृषि तकनीकी अनुपयोग अनुसंधान संस्थान अटारी, जोधपुर जोन द्वितीय के निदेशक डॉ. जे. पी. मिश्रा ने कृषि विज्ञान केन्द्र अठियासन का बुधवार को अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र की विभिन्न इकाइयों में नर्सरी, बकरी पालन इकाई, भेड़ पालन इकाईए प्राकृतिक खेती इकाई, मुर्गी पालन इकाई एवं सीड हब को देखा और इन इकाईयों की दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। इस मौके पर उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र की भावी कार्ययोजनाओं की जानकारियां लेने के साथ ही इसमें अपने सुझाव भी दिए। इसके पश्चात निकरा परियोजना के तहत गोदित ग्राम देशवाल का भ्रमण किया, और ग्रामीणों से बातचीत की। गांव में हुई चौपाल में उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने एवं कृषि दक्षता को बढ़ाने के लिए निकरा परियोजना की शुरूआत की गई। कृषि के सतत विकास के लिए कृषि के साथ ही बागवानी, पशुपालन, मुर्गी पालन उन्नत किस्मों एवं नवीन तकनीकी को भी अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कृषकों से जीरे की खेती में किये जा रहे कृषि अभ्यासों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। कश्तकारों को सलाह देते हुए कहा कि बुआई के लिए छिड़ाव विधि की जगह एनआरसीएसएस, अजमेर की ओर से विकसित सीड ड्रिल का उपयोग करना ज्यादा बेहतर रहेगा। इसके उपयोग से न केवल उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि बीज की भी बचत होगी। उन्होंने किसानों को बाजारीकरण के लिए समूह बनाने की सलाह देते हुए पान मेथी के प्रसंस्करण पर भी जोर दिया। कृषि विज्ञान केन्द्र अठियासन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गोपीचंद सिंह ने सौंफ की उन्नत खेती पर विस्तार से जानकारी दी। विज्ञान केन्द्र के डॉ. बुधाराम चौधरी ने पशुपालन विषय पर इससे जुड़ी जानकारी देते हुए बेहतर पशु पालन करने के साथ ही उन्नत होने के बारे में चर्चा की। शस्य विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. हरिराम चौधरी ने उन्नत खेती एवं बागवानी विशेषज्ञ कल्पना चौधरी ने भी बेहतर उपज प्राप्त करने की तकनीकी जानकारी दी। चौपाल कार्यक्रम में 31 किसानों ने भाग लिया।

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