ऐसे दिया जाता है स्कैम को अंजाम :-
साइबर ठग सबसे पहले स्वास्थ्य अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं। फोन के दौरान पूछते हैं कि क्या उन्होंने दूसरी खुराक ली है। किसी को शक न हो इसके लिए साइबर ठग पहले से टीकाकरण की तारीख सहित आवश्यक जानकारी अपने पास रखते हैं। इसके बाद साइबर ठग कुछ दिन बाद दोबारा कॉल करते हैं और पूछते हैं क्या आपने बूस्टर डोज ली है और क्या आप स्लॉट बुक कराना चाहते हैं।
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यदि व्यक्ति स्लॉट बुकिंग के लिए हां कर देता है तो ठग मोबाइल नंबर प्राप्त करके उसे ओटीपी भेजते हैं। इसके बाद जैसे ही व्यक्ति ठग को ओटीपी बता देता है, तो उसके बैंक अकाउंट से सारा पैसा हैकर तक पहुंच जाता है।
बता दें कि ओटीपी के जरिए लोगों को शिकार बनाने के तरीके को फिशिंग अटैक कहा जाता है। हैकर्स इसके जरिए लोगों के बैंक अकाउंट तक पहुंच जाते हैं और सारी जमा राशि चुरा लेते हैं।
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COVID स्कैम से ऐसे करें अपना बचाव :-
आजकल ज्यादातर हैकर्स कोविड स्लॉट बुकिंग के नाम पर फर्जी कॉल करके लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। ऐसे में सतर्क रहने की बहुत जरूरत है। ऐसी कॉल या मैसेज पर भूलकर भी भरोसा न करें। अंजान नंबर से आए मैसेज में दिए गए लिंक पर भूलकर भी क्लिक न करें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार फोन कॉल के माध्यम से वैक्सीन स्लॉट बुक करने का विकल्प नहीं देती है। स्लॉट बुक करने का केवल एक ही तरीका है। आप कोविन पोर्टल पर जाकर स्लॉट बुक कर सकते हैं। अगर आप ऑनलाइन स्लॉट बुक नहीं कर पा रहे हैं, तो वैक्सीन सेंटर पर जाकर स्लॉट बुक कर सकते हैं।