इसी बीच उग्र प्रदर्शन को देखते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ( British Prime Minister Boris Johnson ) ने नस्लवाद और भेदभाव को हराने के लिए देशवासियों से ‘शांतिपूर्ण और कानूनी तरीके से काम करने का’ आग्रह किया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के एकमात्र अश्वेत राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र ‘द वॉइस’ में लिखे लेख में पीएम जॉनसन ने कहा कि सरकार 25 मई को अमरीकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद लोगों के गुस्से और अन्याय को नकारने की भावना को नजरअंदाज नहीं कर सकती। निहत्थे अफ्रीकी-अमरीकी फ्लॉयड की अमरीका में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
प्रधानमंत्री जॉनसन ने आगे कहा है कि फ्लॉयड की मौत ने गुस्से और अन्याय को नकारने की भावना को जगाया, एक ऐसी भावना जिसका सामना अश्वेत, अल्पसंख्यक जातीय समूहों के लोग शिक्षा में, रोजगार में, आपराधिक कानून के आवेदन में भेदभाव के रूप में करते हैं।
उन्होंने आगे लिखा, ‘हम उस भावना की गहराई को अनदेखा नहीं कर सकते हैं जो उस दृश्य को देखकर उभरा है, जिसमें एक अश्वेत शख्स पुलिस के हाथों अपनी जान गंवाते हुए नजर आ रहा है।’
फ्लॉयड की मौत ने एक अंतर्राष्ट्रीय आक्रोश को जन्म दिया: बोरिस
जॉनसन का मानना है कि ब्रिटेन 40 साल पहले की तुलना में बहुत कम नस्लवादी समाज है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ब्लैक लाइव्स मैटर ( Black Lives Matter ) के प्रदर्शनकारियों को सुना है और स्वीकार किया कि सभी के साथ समान रूप से व्यवहार किया जाना सुनिश्चित करने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। ‘हमें स्पष्ट रूप से यह भी स्वीकार करना चाहिए कि पूर्वाग्रह को खत्म करने और अवसर पैदा करने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है और मैं जिस सरकार का नेतृत्व करता हूं वह इस प्रयास के लिए प्रतिबद्ध है।’
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प्रदर्शन के दौरान सामाजिक दूरी ( Social Distancing ) नियमों का पालन करने वालों का प्रधानमंत्री ने आभार जताया। हालांकि, उन्होंने चेताया भी कि आगे के बड़े प्रदर्शनों ने कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus epidemic ) को नियंत्रण में लाने के ब्रिटेन के प्रयासों को खतरे में डाल दिया है। फ्लॉयड की मौत ने एक अंतर्राष्ट्रीय आक्रोश को जन्म दिया है और विश्व के कई हिस्सों की तरह ब्रिटेन ( Britain ) के शहरों में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। आपको बता दें कि मंगलवार को लंदन और ऑक्सफोर्ड में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ है, जिसमें हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए।