# के9 वज्र होवित्जर टैंक चारों दिशाओं में घूमकर दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। इससे पहले भारतीय सेना केसाथ एक जगह पर स्थिर वार करने वाले टैंक थे।
# के9 वज्र का इस्तेमाल मैदानी और रेगिस्तानी इलाकों में किया जाएगा।
# भारत इस श्रेणी की तोपों को पाकिस्तान से सटी अपनी पश्चिमी सीमा पर तैनात करेगा।
# भारत ने इसके लिए साउथ कोरिया के की हथियार निर्माता कंपनी ‘हानवा टेकविन’ से समझौता किया है। भारत में लार्सन ऐंड टर्बो इसका साझेदार है।
# 2017 में एलएंडटी और हानवा टेकविन की साझेदारी में के9 वज्र होवित्जर टैंक का निर्माण शुरू हुआ था।
# इसके निर्माण के लिए तकरीबन 4,300 करोड़ रुपए की डील साइन हुई है।
# भारतीय सेना के लिए के9 वज्र-टी 155 मिलिमीटर ‘ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड’ तोप प्रणालियों की 100 इकाइयों की आपूर्ति का अनुबंध हुआ है।