बैकुंठपुर। जिला स्तरीय संयुक्त भर्ती अभियान-2012 में कई लोगों ने मेरिट लिस्ट के आधार पर नौकरी ज्वाइन की थी। बाद में नकल प्रकरण बनाकर 36 लोगों को बर्खास्त (Hunger strike) कर दिया गया था। इस मामले को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 10 साल की लंबी लड़ाई के बाद अभ्यर्थियों को दोषमुक्त कर दिया है। अब सभी ने दोबारा नौकरी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु कर दी है।
अविभाजित कोरिया में वर्ष 2012 में चतुर्थ श्रेणी(भृत्य-चौकीदार) के पदों की भर्ती करने संयुक्त भर्ती अभियान चलाया गया था। इस दौरान संयुक्त परीक्षा में करीब 1100 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। मामले में चयन प्रक्रिया पूरी करने के बाद चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग कराई गई।
कुछ महीने बाद मेरिट लिस्ट में आने वाले 36 अभ्यर्थियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। चयनित अभ्यर्थियों को पता चला कि पर नकल प्रकरण तैयार कर मेरिट सूची निरस्त कर दी गई है। मामले को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
इस दौरान करीब 10 साल तक लंबी लड़ाई लडऩे के बाद नकल प्रकरण को हाईकोर्ट ने 1 जुलाई 2024 को खारिज कर अभ्यर्थियों को दोषमुक्त कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट में 36 अभ्यर्थियों के प्रकरणों को 120 दिन के भीतर निराकरण कर जवाब मांगा था।
Hunger strike: अभ्यर्थी बोले- संयुक्त भर्ती अभियान के दस्तावेज गायब
मामले में हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी सहित कलेक्ट्रेट कार्यालय को आवेदन दिया गया। इस दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय से अभ्यर्थियों की नियुक्ति से संबंधित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने की कहकर दोबारा नौकरी ज्वाइन कराने में असमर्थता जताई गई। इससे अभ्यर्थियों ने जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के प्रेमाबाग मंदिर प्रांगण में गुरुवार से अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि अपनी नौकरी ज्वाइन कराने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख पर बैठ गए हैं। इस दौरान अश्विनी कुमार, विनय कुमार पटेल, सुदीप कुमार श्रीवास्तव, निदेश कुमार पटेल, रंजीत तिर्की, राजेश कुमार बरजही सहित अन्य मौजूद थे।
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