एमसीबी जिले के चिरमिरी स्थित लाहिड़ी बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत उच्च श्रेणी शिक्षक राजीव लोचन शुक्ला ने 6 दिसंबर 2024 को स्टाफ की उपस्थिति पंजी में स्वयं को 3 दिसंबर 2024 से व्याख्याता पद पर पदोन्नत (Illegal promotion) दर्ज कर दिया। मामले में प्राचार्य ने 7 दिसंबर को शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
इसमें उल्लेख है कि उपस्थिति पंजी में स्वयं से इस तरह लिखना या टिप लगाना सेवा नियमों के अनुसार अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष द्वारा सचिव से मामले की जानकारी मांगी गई।
तब सचिव ने लिखित रूप में सूचना दी कि उनको गुमराह कर सही तथ्यों की जानकारी न देकर नियम विरुद्ध गैर कानूनी कार्य करा लिया गया है। मामले (Illegal promotion) में 3 दिन के भीतर स्पष्टीकरण पेश करने कहा गया। ऐसा नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई।
Illegal promotion: शिक्षक ने नोटिस लेने से किया इनकार
इधर शिक्षक ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष ने भी नोटिस जारी किया। फिर भी उन्होंने नोटिस लेने से इनकार कर दिया।
मामले में स्कूल प्रबंध समिति अध्यक्ष ने शिक्षक शुक्ला को निलंबित कर दिया है। इसकी कॉपी एमसीबी कलेक्टर और डीईओ को भेजी गई है। साथ ही निलंबित शिक्षक शुक्ला (Illegal promotion) को बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति से मुख्यालय नहीं छोडऩे निर्देश दिए गए हैं।
डीईओ ने कहा- इनकी बीएड डिग्री अमान्य
एमसीबी डीईओ ने 17 दिसंबर को डीपीआई को शासकीय अनुदान प्राप्त लाहिड़ी बहु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के उच्च वर्ग शिक्षक राजीव लोचन शुक्ला की जानकारी भेजी है। इसमें उल्लेख है कि लाहिड़ी विद्यालय प्रबंध समिति के आदेश पर शिक्षक शुक्ला (Illegal promotion) को निलंबित किया गया है।
साथ ही निलंबित शिक्षक को व्याख्याता पद पर पदोन्नत करना विधि मान्य नहीं होगा। यह भी उल्लेख है कि लाहिड़ी स्कूल में व्याख्याता हिन्दी का पद रिक्त नहीं है। वहीं मई 2023 की पदोन्नति प्रस्ताव में वरिष्ठता सूची के अनुसार शिक्षक शुक्ला सबसे कनिष्ठ यानी 5वें नंबर पर हैं।
विद्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों में शिक्षक शुक्ला की बीएड अंकसूची हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद की है, जिसे हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ ने केस क्रमांक डब्ल्यूपीएस नंबर-7976 ऑफ 2018 में अमान्य कर दिया है। विभिन्न प्रदेश और उच्चतम न्यायालय ने भी इस तरह की अंकसूची को फर्जी (Illegal promotion) बताया गया है।
याचिका क्रमांक डब्ल्यूपीएस नंबर-2358 ऑफ 2024 का उल्लेख कर कहा गया है कि व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए एनसीटीई से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से जारी बीएड की डिग्री अनिवार्य है।