दरअसल, केंद्र सरकार ने यह कदम राज्यों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधन बेहतर करने के मद्देनज़र उठाया है। ये पैकेज इंडिया
COVID-19 इमरजेंसी रिस्पांस हेल्थ सिस्टम की तैयारी को अंजाम देने के लिए उठाया है। इस प्रोजेक्ट को जनवरी, 2020 से मार्च, 2024 तक की अवधि में तीन चरणों में लागू किया जाएगा। पहला चरण 1 जनवरी, 2020 से जून 2020, दूसरा चरण जुलाई, 2020 से मार्च, 2021 और तीसरा चरण अप्रैल, 2021 से मार्च, 2024 निर्धारित किया गया है।
केंद्र ने क्यों माना, कोरोना संक्रमण के लिए खास समुदाय या स्थान पर दोषारोपण ठीक नहीं? जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने पहले फेज को लेकर पैसा राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी कर दिया है। इन पैसों को उपयोग Covid हॉस्पिटल, आइसोलेशन वार्ड, ICU, वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन सप्लाई, लैब, पीपीई, मास्क, हेल्थ वर्कर की नियुक्ति जैसी चीजों में खर्च किया जाएगा।
इससे पहले नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर वंदना गुरुनानी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि 100 फीसदी सेंट्रल प्रोजेक्ट को जनवरी, 2020 से मार्च, 2024 तक तीन चरणों में लागू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत कोरोना वायरस संक्रमित लोगों में रोकथाम और राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया जाएगा। साथ ही मेडिकल उपकरण, दवाइयों की खरीद, लैब बनाना और बायो-सिक्योरिटी तैयारियों समेत निगरानी गतिविधियों को मजबूत किया जाएगा।
कोरोना महामारी के चलते सरकार ने दी जेंडर निर्धारण परीक्षण में 30 जून तक छूट, गर्भपात में बढ़ोतरी की आशंका केंद्र सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों हेल्थ कमिश्नर्स को भेजा गया है। सर्कुलर में कहा गया है कि तत्काल फंड जारी किया जा रहा है।
सर्कुलर में बताया गया है कि पहले चरण में लैब और एंबुलेंस की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। केंद्रीय पैकेज से राज्य में सुरक्षा उपकरण (PPE), N—95 मास्क और वेंटिलेटर खरीदने में सहायता की जाएगी।