देश में मौत बनकर दौड़ रहे 8 करोड़ से ज्यादा ‘कबाड़’ वाहन
-1.94 करोड़ वाहन परिवहन वाले
-6.17 करोड़ वाहन गैर परिवहन वाले
-राज्य सरकारों की ढिलाई पड़ रही भारी
-सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में
-मध्यप्रदेश में 59 लाख, राजस्थान में 25 लाख और छत्तीसगढ़ में 10 लाख अनफिट वाहन
शादाब अहमदनई दिल्ली। देश में करीब 8 करोड़ से ज्यादा अनफिट यानी ‘कबाड़’ वाहन सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। इनमें करीब 1.94 करोड़ वाहन परिवहन सेवा वाले हैं, जिसके चलते यात्रियों की जान जोखिम में बनी हुई है। राज्य सरकारों की ढिलाई के चलते इन पर कार्रवाई तो दूर इनके रजिस्ट्रेशन तक रद्द नहीं किए जा रहे हैं। देश में सबसे ज्यादा करीब 1 करोड़ अनफिट वाहन उत्तर प्रदेश में हैं। जबकि करीब 59 लाख अनफिट वाहनों के साथ मध्यप्रदेश पांचवे स्थान पर है। वहीं राजस्थान में करीब 25 लाख और छत्तीसगढ़ में करीब 10 लाख वाहन इस तरह के सडक़ों पर दौड़ रहे हैं।
दरअसल, देश में हर साल सडक़ हादसों में लाखों लोगों की जान जा रही है। इसके कई कारण है, जिनमें अनफिट वाहनों का सडक़ पर दौडऩा भी एक कारण माना जा रहा है। पिछले दिनों जयपुर के समीप भांकरोटा में हुए हादसे में एक अनफिट बस के जलने से कई लोगों हताहत हो चुके हैं। इसके अलावा कुछ अन्य हादसे भी अनफिट वाहनों के सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद राज्य सरकारों की ओर से अनफिट वाहनों पर कार्रवाई में तेजी नहीं ला रही है।
जिम्मेदारी तय नहीं
परिवहन विभाग के अधिकारी और निरीक्षकों को अक्सर हाइवे पर वाहनों की चेकिंग करते हुए देखा जाता है, लेकिन इसमें खानापूर्ति की जाती है। अनफिट वाहनों के सडक़ों पर दौडऩे के लिए किसी भी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं होने से यह समस्या बढ़ रही है।
11.55 लाख वाहनों की आरसी रद्द
देश में करोड़ों अनफिट वाहन दौड़ रहे हैं, लेकिन उनके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) रद्द करने की रफ्तार बेहद धीमी है। देशभर में 17 दिसंबर 2024 तक महज 11.55 लाख वाहनों की आरसी रद्द की गई। जबकि 1.95 लाख वाहनों की आरसी को लौटाया गया है। अनफिट वाहनों पर इस कार्रवाई के मामले में उत्तर प्रदेश ही सबसे आगे हैं। जहां 4 लाख से अधिक वाहनों की आरसी रद्द की गई है।
कैसे घोषित होते हैं वाहन अनफिट
मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र का पंजीकरण और कार्य) नियमावली, 2021 और केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के अनुसार, जीवन-काल समाप्ति वाले वाहन ऐसे वाहनों को कहा जाता है-
1. वैध रूप से पंजीकृत नहीं हैं। 2. फिटनेस केंद्रों के माध्यम से अयोग्य घोषित किए गए हैं। 3. पंजीकरण मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत समाप्त हो गया है। 4. किसी अन्य परिस्थिति के कारण वैध पंजीकरण नहीं रखते हैं।