अब मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस वे के बीच पड़ने वाले सभी 12 जिलों में कार्य तेजी से शुरू होगा। मेरठ में गंगा एक्सप्रेव के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा भी प्रशासन ने दे दिया है। इससे किसानों के विरोध वाली बाधा भी अब समाप्त हो चुकी है। जारी किए गए डिजाइन के मुताबिक मेरठ में मेरठ-बुलंदशहर एनएच-235 पर गोल चक्कर बनेगा। हापुड़ रोड पर बिजौली के पास दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे की तर्ज पर इंटरचेंज बनेगा। फ्लाईओवर से सीधे लोग गंगा एक्सप्रेसवे पर पहुंच जाएंगे। परतापुर की तरह आने वाले दिनों में हापुड़ रोड का भी नक्शा बदल जाएगा।
डिजाइन के तहत मेरठ में हापुड़ रोड ( Hapur Road ) पर एनएच-235 ( अब एनएच-334 ) पर इंटरचेंज का निर्माण होगा, जो बिल्कुल गोल चक्कर की तरह दिखेगा। नीचे से एनएच-235 से वाहन आएंगे और सीधा गंगा एक्सप्रेस वे पर पहुंच जाएंगे। जारी किए गए डिजाइन से मेरठ में हापुड़ रोड का नक्शा ही बदल जाएगा। माना जा रहा है कि जिस तरह से परतापुर तिराहे का नक्शा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे और रैपिड रेल ने बदल दिया है। उसी तरह से हापुड़ रोड का नक्शा बिजौली के पास गोल चक्कर की तरह प्रस्तावित इंटरचेंज से बदल जाएगा। मेरठ से प्रयागराज तक यह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे होगा।
इन जिलों से होते हुए प्रयागराज पहुंचेगा गंगा-एक्सप्रेस वे मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए गंगा एक्सप्रेस वे प्रयागराज पहुंचेगी। 594 किलोमीटर का सफर मुश्किल से सात घंटे में पूरा हो जाएगा। गंगा किनारे के इन इलाकों में विकास की गति तेज होगी। यूपीडा की ओर से जारी डिजाइन के तहत हर जिले में गंगा एक्सप्रेसवे का अलग-अलग डिजाइन होगा। 594 किलोमीटर में बनने वाले इंटरचेंज, फ्लाईओवर, 6 लेन एक्सप्रेसवे, ओवरब्रिज सभी का अलग-अलग डिजाइन फाइनल किया गया है।