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अमरीका और चीन के ट्रेड वॉर में नर्म रुख
बीते कुछ दिनों से जिस तरह से अमरीका और चीन की ओर से बयान आ रहे हैं वो ट्रेड वॉर में नरमी के संंकेत दे रहे हैं। दोनों देश चाहते हैं कि दुनियाभर में व्यापार सकारात्मक वातारण में हो। किसी भी देश को नुकसान ना हो। दोनों देशों में नरमी की एक वजह इकोनॉमिक स्लोडाउन भी है। वहीं अमरीका और चीन दोनों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर अमरीका में प्रेसीडेंट इलेक्शन का बिगुल बजने वाला है। ऐसे में अमरीका की ट्रंप सरकार बिल्कुल भी नहीं चाहेगी कि ट्रेड वॉर का और ज्यादा नुकसान अमरीका को हो और उसका खामियाता अमरीका की आत जनता को भुगतना पड़े।
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नरमी से बढ़ेगी क्रूड ऑयल की डिमांड
वहीं ट्रेड वॉर में नरमी की वजह से दुनिया में क्रूड ऑयल की डिमांड बढऩा लाजिमी है। अभी चीन को उतनी मात्रा में क्रूड ऑयल नहीं मिल पा रहा है जितनी उसे जरुरत है। नरमी के बाद चीन अमरीका और खाड़ी देशों से क्रूड ऑयल की डिमांड बढ़ाएगा। आंकड़ों की बात करें तो दुनियाभर में कुल का खपत का 15 फीसदी हिस्सेदारी चीन की है। क्रूड ऑयल के खपत के मामले में चीन दुनिया में तीसरे नंबर पर है। जबकि अमरीका नंबर पहले और तीसरे स्थान पर युरोपीय देशों का है। भारत का नंबर चौथे स्थान पर आता है। आने वाले दिनों में क्रूड ऑयल की डिमांड में इजाफा देखने को मिल सकता है।
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क्रूड ऑयल के दाम में होगा इजाफा
जब भी डिमांड बढ़ती और सप्लाई कम होती है तो उस प्रोडक्ट की कीमतों में इजाफा होता है। मौजूदा समय में भले ही प्रोडक्शन कम हो, लेकिन डिमांड भी कम है। ऐसे में पिछले कुछ समय से क्रूड ऑयल के दाम में या तो स्थिरता देखने को मिल रही थी या फिर कटौती हो रही थी। सउदी अरामको पर हमले को छोड़ दिया जाए तो ऐसा कोई कांड नहीं हुआ जिसकी वजह से कीमतों में इजाफा हुआ हो। लेकिन चीन की ओर से डिमांड बढऩे के बाद कीमतों में इजाफा होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। बीते कुछ दिनों से क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा हुआ है। जानकारों की मानें तो अगले एक हफ्ते में क्रूड ऑयल के दाम 65 से 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास जा सकते हैं। मौजूदा समय में ब्रेंट क्रूूड ऑयल के दाम 62.02 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रहा है। वहीं अमरीकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 56.41 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा है।
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भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में होगी बढ़ोतरी
अगर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा होता है तो भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा हो सकता है। जानकारों की मानें तो नवंबर के सेकंड हाफ से लेकर दिसंबर के पहले हफ्ते के बीच तक पेट्रोल और डीजल के दाम में दो रुपए से लेकर 4 रुपए प्रति लीटर तक का इजाफा देखने को मिल सकता है। मौजूदा समय की बात करें तो पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट और स्थिरता दौर चल रहा है। लेकिन यह स्थिरता और गिरावट ज्यादा दिनों के लिए नहीं है।
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बीते 36 दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई इजाफा नहीं
आईओसीएल से मिली जानकारी के अनुसार देश के चारों महानगरों में एक अक्टूबर से लेकर 5 नवंबर तक पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई इजाफा नहीं हुआ है। इन 36 दिनों में पेट्रोल के दाम की बात करें तो एक अक्टूबर को देश की राजधानी दिल्ली पेट्रोल के दाम 74.61 रुपए प्रति लीटर थे। 5 नवंबर को पेट्रोल के दाम 72.60 रुपए प्रति लीटर थे। यानी इस बीच दिल्ली में पेट्रोल के दाम 2.01 रुपए प्रति लीटर कम हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर डीजल की बात करें तो एक अक्टूबर को डीजल के दाम 67.49 रुपए प्रति लीटर थे। जबकि 5 नवंबर को डीजल के दाम 65.75 रुपए प्रति लीटर हो चुके हैं। इस बीच डीजल के दाम में 1.74 रुपए प्रति लीटर कम हो चुके हैं।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एजेंल ब्रोकिंग कमोडिटी एंड रिसर्च के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में जिस तरह का सिनेरियो देखने को मिल रहा है उससे क्रूड ऑयल के दाम को सपोर्ट मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। अमरीका और चीन के बीच ट्रेड वॉर में नरमी अहम है। दोनों देश सकारात्मक रुख अपनाए हुए हैं। जिसका असर क्रूड ऑयल के दाम में दिखाई देगा। वहीं केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया की मानें तो आने वाले दिनों में ट्रेड वॉर को लेकर अमरीका और चीन के बीच बैठक होने जा रही है। अगर ट्रंप की ओर से सकारात्मक बयान आता है तो क्रूड ऑयल के दाम में तेजी देखने को मिल सकती है। वर्ना क्रूड ऑयल के दाम में ज्यादा बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।