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क्यो पूर्ण बहुमत के दौरान बेहतर होता शेयर बाजार का प्रदर्शन
पूर्ण बहुमत की सरकार के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी में इस तेजी का सबसे बड़ा कारण नई सरकार में निवेशकों का भरोसा होता है। शेयर बाजार से जुड़े कई जानकारों का भी यही कहना है कि पूर्ण बहुमत की सरकार में इस बात के भरपूर मौके होते हैं कि सरकार अपनी नीतियों के साथ समझौता नहीं करेगी। अर्थव्यस्था का प्रदर्शन भी बेहतर होता है और इस वजह से बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिलता है। आज हम आपको इस रिपोर्ट में यह बताएंगे कि पूर्ण बहुमत के दौरान शेयर बाजार का क्या प्रदर्शन रहा। साथ में, हम आपको अल्पबहुमत के सरकारों के दौरान भी शेयर बाजार में प्रदर्शन के बारे में जानकारी देंगे।
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2014 के इतिहास को इस साल भी दोहराया
साल 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी का पूर्ण बहुमत मिली थी तो घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत भी शानदार रही थी। 16 मर्इ 2014 काे चुनावी नतीजों के दिन बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज पर सेंसेक्स 24,271.54 के स्तर पर खुला। इसी दिन सेंसेक्स करीब 1,470 अंक चढ़कर 25,000 के स्तर पर का पार करते हुए 25,375 के रिकाॅर्ड सतर पर पहुंचा। इस दिन सेंसेक्स 23,873 के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा था। दिनभर के कारोबार के बाद सेंसेक्स 24,121 के रिकाॅर्ड स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी 50 में भी इस दौरान रिकाॅर्ड कारोबार देखने को मिला आैर यह 7563.50 के रिकाॅर्ड स्तर तक पहुंच गया था।
अल्पबहुमत वाली सरकार पर कम होता है निवेशकों का भरोसा
अल्पबहुमत वाली सरकारों में शेयर बाजार में कुछ खास प्रदर्शन नहीं देखने को मिलता है। 18 मर्इ 2009 को सेंसेक्स 13,479 के स्तर पर खुला। हालांकि, इस दिन भी सेंसेक्स 14,284 के रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंचा। इस दिन पूरे दिन के कारोबारी सत्र के बाद सेंसेक्स 14,284 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, 2004 के कारोबारी सत्र की बात करें तो इस चुनावी नतीजों के दौरान सेंसेक्स में 6 फीसदी लुढ़का। अगले कारोबारी दिन यह गिरावट बढ़कर 11 फीसदी हो गर्इ थी। इस दिन सेंसेक्स 5,409.34 के स्तर पर खुला आैर 5,069.87 के स्तर पर बंद हुआ था।