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बाजार

मानसून की प्रगति, वैश्विक कारकों से तय होगी बाजार की चाल

फेड रिजर्व के फैसले का दिख सकता है घरेलू बाजार पर असर
भारत के ट्रेड वॉर में कूदने से दबाव में दिख सकता है बाजार
बजट से पहले बाजार में बड़े बदलाव की संभावना काफी कम

Jun 16, 2019 / 02:33 pm

Saurabh Sharma

share market

मोदी सरकार के आने से बाजार में आई तेजी, Sensex 623 और Nifty 187 अंक उछल कर हुआ बंद

नई दिल्ली। घरेलू और वैश्विक कारकों से बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार पर दबाव दिखा, जिसके कारण बीएसई का सेंसेक्स 163.83 अंक अर्थात 0.41 फीसदी गिरकर 39452.07 अंक पर रहा, जो तीन सप्ताह का निचला स्तर है। इसी तरह से एनएसई का निफ्टी 50 47.35 अंक अर्थात 0.4 फीसदी उतरकर 11823.30 अंक पर रहा। अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल मानसून की प्रगति और वैश्विक कारकों से तय होगी।

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घरेलू स्तर पर अर्थव्यवस्था से जुड़े सभी महत्वपूर्ण आंकड़े आ चुके हैं और महंगाई का कुछ असर बाजार पर दिख सकता है। बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी कैपिटलऐम के शोध प्रमुख रोमेश तिवारी के अनुसार घरेलू स्तर पर सभी प्रमुख आंकड़े आ चुके हैं। अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक हो रही है और दो दिवसीय इस बैठक के बाद 19 जून को नीतिगत दरें जारी की जाएगी, जिसमें ब्याज दरों में कमी की उम्मीद की जा रही है। यदि ब्याज दरों में कमी की जाती है भारतीय शेयर बाजारों पर दबाव दिख सकता है।

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वैसे बाजार के अगले सप्ताह सीमित दायरे में रहने की संभावना है। बाजार विश्लेषण करने वाली कंपनी ऐपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहा कि अब निवेशकों की नजर नई सरकार के पूर्ण बजट पर है। इसलिए बाजार में अधिक उतार चढ़ाव अभी संभावना बहुत कम है, लेकिन वैश्विक कारकों जैसे कच्चे तेल में घटबढ़ और अमरीकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कमी करने से पूरी दुनिया के बाजार प्रभावित होंगे और उससे भारतीय बाजार भी अछूते नहीं रह सकते हैं।

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बीते सप्ताह चीन ने अमरीका और यूरोप से आयातित स्टील के पाइप और ट्यूब जैसे उत्पादों पर शुल्क में भारी बढोतरी कर दी, जिससे इनके बीच व्यापार तनाव के फिलहाल कम होने की संभावना बहुत कम हो गई है। इस बीच भारत ने भी अमरीका से आयात किए जाने वाले कुछ उत्पादों पर शुल्क में बढोतरी कर दी है। इसकी वजह से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध में और तेजी आने की आशंका जताई जा रही है। इसका भी बाजार पर असर होगा।

 

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