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एनर्जी विश्लेषक बताते हैं कि अल्पावधि में तेल के दाम में और गिरावट आ सकती है, लेकिन फिर रिकवरी आ जाएगी, क्योंकि ईरान और वेनेजुएला से तेल की आपूर्ति घटने से वैश्विक मांग के मुकाबले आपूर्ति का संकट बना रहेगा जिसका सपोर्ट हमेशा कच्चे तेल के भाव को मिलेगा।
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अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार आईसीई पर सोमवार को कच्चे तेल का जुलाई वायदा पिछले सत्र से 2.10 फीसदी की कमजोरी के साथ 69.36 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था। वहीं, डब्ल्यूटीआई का जून अनुबंध 2.29 फीसदी की गिरावट के साथ 60.52 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था।
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बहरहाल, ट्रंप के बयान से अमरीका और चीन के बीच जारी व्यापारिक वार्ता के बेपटरी होने से वैश्विक व्यापार प्रभावित होने की आशंका है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की पहले से ही सुस्त पड़ी रफ्तार और मंद हो जाएगी, क्योंकि चीन और अमेरिकी दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ दो बड़े व्यापारिक साझेदार भी हैं।
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अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके रविवार को चीन से आयातित 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 फीसदी से 25 फीसदी करने की चेतावनी दी। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट करके कहा कि वह चीनी वस्तुओं के एक समूह पर आयात शुल्क शुक्रवार को 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर देंगे। अमरीकी राष्ट्रपति ने यह भी चेतावनी दी है कि वह 325 अरब डॉलर की चीनी वस्तुओं पर भी 25 फीसदी का शुल्क लगाएंगे।
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