त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: 425 महिलाओं के हाथ में होगी कमान, 23 मार्च को लिखी जाएंगी आपत्तियां, 26 को जारी होगी अंतिम सूची
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) को लेकर आरक्षण की सूची जारी कर दी गई है। सूची जारी होते ही कुछ ने खुशी का इजहार किया तो कुछ के चेहरे पर मायूसी छा गई। सूची को लेकर होने वाली आपत्तियां 23 मार्च को लिखी जाएंगी।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: 425 महिलाओं के हाथ में होगी कमान, 23 मार्च को लिखी जाएंगी आपत्तियां, 26 को जारी होगी अंतिम सूची
लखनऊ. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) को लेकर आरक्षण की सूची जारी कर दी गई है। सूची जारी होते ही कुछ ने खुशी का इजहार किया तो कुछ के चेहरे पर मायूसी छा गई। सूची को लेकर होने वाली आपत्तियां 23 मार्च को लिखी जाएंगी। जबकि 24-25 मार्च को सूची का निस्तारण होगा। इस बीच अंतरिम आरक्षण सूची में जिला पंचायतों के 60 वार्डों और 20 महिलाएं, क्षेत्र पंचायत प्रमुख 15 सीटों में पांच और 1193 ग्राम पंयायतों में 399 महिलाएं पंचायत की कमान संभालेंगी। सूची पर दावे और आपत्तियों के बाद अंतिम सूची 26 मार्च को जारी की जाएगी।
425 महिलाओं के हाथ में होगी कमान राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने रविवार को आरक्षण की सूची जारी कर दी थी। इसमें जिला पंचायत के 60 वार्डों में पिछड़ा वर्ग महिला छह, पिछड़ा वर्ग के 10, अनुसूचित जाति छह, अनूसुचित जाति महिला तीन, महिला 11 और सामान्य में सीटें सामान्य आरक्षित हुई हैं। इसी तरह पिछड़ा वर्ग महिला दो, पिछड़ा वर्ग की तीन, अनुसूचित जाति एक, अनुसूचित जाति महिला, महिला दो व छह सीटे सामान्य हुई है। कुल मिलाकर इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की कमान 425 महिलाओं के हाथों में होगी। जिला पंचायत राज अधिकारी धर्मेंद्र कुमार के अनुसार, सूची पर दावे और आपत्तियां 23 मार्च तक दाखिल हो सकेंगे। इनका निस्तारण के बाद 26 मार्च को अंतिम सूची का प्रकाशन होगा।
2015 को आधार बनाने का निर्देश गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली, 1994 में संशोधन करते हुए उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का फैसला किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया है।