बिजली कर्मचारियों ने आपस में बातचीत करके फैसला लिया कि वे गुरुवार रात 10 बजे से 72 घंटे के लिए हड़ताल पर रहेंगे। ओबरा, अनपरा, पारीछा और हरदुआगंज में थर्मल पावर हाउसों में नाइट शिफ्ट के कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और इंजीनियर हड़ताल पर हैं। बड़े अधिकारियों के फ़ोन करने पर बिजली कर्मचारियों ने ड्यूटी पर जाने से मना कर दिया।
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कर्मचारियों ने योगी सरकार पर प्रमोशन, पेंशन और अन्य मुद्दों की बढ़ोतरी न करने का आरोप लगाया है। बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर के साथ विरोध कर रहे हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया, “समिति और राज्य के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के बीच 3 दिसंबर को हुए समझौता किया गया।”संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया, “एक खंड था जिसके तहत बिजली निगम के अध्यक्ष को हमारे मुद्दों को हल करने के लिए हमारे साथ बात करना था। आज 16 मार्च है लेकिन सभापति एक बार भी चर्चा करने में विफल रहे। ऐसे में कर्मचारी हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। अगर हमारे किसी कर्मचारी पर एक्शन लिया गया तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।”
राज्य के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा, अगर हड़ताल जनता के लिए समस्या पैदा करती है और अगर बिजली कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं, तो संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया जाएगा। सरकार ने विरोध के दौरान अन्य कर्मचारियों को धमकी देने या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA लागू करने की चेतावनी दी।”
मंत्री ए.के. शर्मा ने आगे कहा, “3 दिसंबर के समझौते के अधिकांश बिंदुओं को लागू करने पर विचार करने के लिए सरकार तैयार है। बातचीत के दरवाजे अब भी खुले हैं, लेकिन अगर हड़ताल करने वाले गड़बड़ी करते पाए जाते हैं, तो सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी। कर्मचारियों ने ऐसे समय में हड़ताल पर जाने का फैसला किया, जब लोगों को गर्मी के मौसम में सुचारु बिजली की जरूरत है।”