UP Sports: लखनऊ में बैडमिंटन सितारों का महाकुंभ: सैयद मोदी इंडिया इंटरनेशनल 2024 की धमाकेदार शुरुआत
कैसे शुरू हुई कहानी?
मुंबई के ठाणे निवासी 35 वर्षीय महिला तीन बच्चों की मां हैं। उनका आठ वर्षीय बेटा स्पीच डिसऑर्डर से पीड़ित है। इसी समस्या के इलाज के लिए वह लखनऊ के पीजीआई इलाके में स्थित इरफान अंसारी की क्लीनिक पर आई थीं। पीड़िता का कहना है कि इस दौरान इरफान से उसकी दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे प्रेम संबंधों में बदल गई।पति को छोड़ा, धर्म परिवर्तन के बाद किया निकाह
इरफान के प्रेम में पड़कर महिला ने अपने पहले पति को तलाक दे दिया और बच्चों के साथ इरफान के साथ लिव-इन-रिलेशन में रहने लगी। यह रिश्ता करीब 8 महीने तक चला, जिसमें महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उससे कई बार शारीरिक संबंध बनाए।AIMIM नेता असीम वकार का बड़ा बयान: BJP को सरकार बनाने से रोकना संभव है
बाद में इरफान ने निकाह का प्रस्ताव रखा, लेकिन शर्त रखी कि महिला को अपना धर्म बदलना होगा। मजबूरी में महिला ने धर्म परिवर्तन किया और 9 अक्टूबर को बांद्रा कोर्ट, मुंबई में कोर्ट मैरिज कर ली। इसके बाद दोनों लखनऊ के दौलतनगर इलाके में साथ रहने लगे।शादी के बाद बदला व्यवहार
महिला का आरोप है कि शादी के दो महीने बाद ही इरफान का व्यवहार बदलने लगा। 11 नवंबर को इरफान बिना बताए घर छोड़कर वृंदावन कॉलोनी के खुशबू पैलेस में रहने चला गया। जब महिला वहां पहुंची, तो पता चला कि वह अपने माता-पिता के पास दिल्ली चला गया है।Sambhal Case: भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की सख्त प्रतिक्रिया
गालियां और धमकियां
पीड़िता ने बताया कि जब उसने इरफान से फोन पर संपर्क किया, तो उसने भद्दी-भद्दी गालियां दीं और कहा, “भाग जाओ, हमें तुम्हारे साथ नहीं रहना है। अगर तुमने जबरदस्ती की, तो तुम्हें और तुम्हारे बच्चों को जान से मरवा दूंगा।”पुलिस में शिकायत दर्ज
महिला ने पीजीआई थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और आरोपी की तलाश की जा रही है।मामले के कानूनी और सामाजिक पहलू
यह मामला कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है: धर्मांतरण और धोखाधड़ी: महिला ने धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगाया है।महिला और बच्चों की सुरक्षा: धमकी के बाद महिला और उसके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
लिव-इन-रिलेशनशिप और कानूनी संरक्षण: इस रिश्ते में महिला को कितना कानूनी संरक्षण मिल सकता है, यह भी विचार का विषय है।