Cyber Crime Awareness: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान: “अपराध और दंड नहीं, बल्कि न्याय है तीन नए कानूनों का भाव”
Cyber Crime Awareness: भारतीय संविधान के 75वें वर्ष पर आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023, नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और साक्ष्य अधिनियम 2023 का उद्देश्य अपराध और दंड नहीं, बल्कि न्याय सुनिश्चित करना है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रदेश के सभी 1775 थानों में साइबर हेल्प डेस्क संचालित की जा रही हैं। उन्होंने युवाओं से टेक्नोलॉजी का सकारात्मक उपयोग कर कानून व्यवस्था को मजबूत करने में सहयोग की अपील की।
Cyber Crime Awareness: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किये जाने की 75वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन के अवसर पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 जैसे तीन नए कानूनों का उद्देश्य अपराध और दंड नहीं, बल्कि न्याय है। इन कानूनों के जरिए नागरिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी और पहले साक्ष्य जुटाए जाएंगे, फिर अपराधी को कटघरे में खड़ा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान फॉरेंसिक विज्ञान और साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस राष्ट्रीय कांफ्रेंस के दौरान फॉरेंसिक साइंसेज के नये ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है कानून का राज, और पिछले साढ़े सात वर्षों से उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित है। आज प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो चुकी है और यह चर्चा का विषय बन चुकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी 1775 थानों में साइबर हेल्प डेस्क का संचालन किया जा रहा है, ताकि साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में साइबर सुरक्षा को लेकर किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि 18 रेंजों में साइबर थानों की स्थापना की गई है और जल्द ही 75 जनपदों में भी साइबर थाने शुरू किए जाएंगे।
साइबर फ्रॉड्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी विकास से अपराधों का रूप भी बदल रहा है। साइबर फ्रॉड्स और डिजिटल अपराधों से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने साइबर सुरक्षा को एक प्राथमिकता बनाई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने 1775 थानों पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की हैं और इसे साइबर अपराधों की रोकथाम में सहायक उपकरण के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश में साइबर फ्रॉड्स से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना की गई है, जहां से बच्चों को साइबर सुरक्षा और फॉरेंसिक साइंसेज की शिक्षा मिल सकेगी।
अंधकार युग में माफिया राज की समाप्ति
सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व शासनकाल की स्थिति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी थी। उस समय माफिया और गुंडागर्दी का बोलबाला था। शरीफ नागरिक घर से बाहर नहीं निकल पाते थे, और माफिया स्वतंत्र रूप से अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। लेकिन आज प्रदेश में दंगा मुक्त, गुंडा मुक्त और माफिया मुक्त शासन स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश के युवाओं से अपील की कि वे टेक्नोलॉजी से जुड़ें और डिजिटल अपराधों से निपटने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच के लोग जब टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे, तो नकारात्मक तत्व उस पर हावी नहीं हो पाएंगे। साथ ही, मुख्यमंत्री ने युवाओं को फॉरेंसिक साइंसेज और साइबर सुरक्षा में करियर बनाने की प्रेरणा दी।
पुलिस भर्ती और कानून व्यवस्था में सुधार
मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग में हुए सुधारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने अब तक 1.54 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती की है, और हाल ही में 60,200 पुलिस कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई है। इससे प्रदेश की कानून व्यवस्था में और भी सुधार आया है और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
संविधान के प्रति सम्मान और उसकी अहमियत
मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकृत किया गया था, और इस दिन को 2015 से संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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