अखिलेश यादव इत्तेफाकन बन गए हैं नेता : सिद्धार्थनाथ सिंह न विजय जुलूस न ही कोई उत्सव एक इतिहास और रचा गया। शपथ ग्रहण के बाद ने तो कहीं उत्सव हुआ नहीं विजय जुलूस निकाला गया। यूपी के हर खंड विकास कार्यालयों से वर्चुअली शपथ ग्रहण समारोह का संचालन किया गया। गांवों के पंचायत भवन में ऑनलाइन शपथ के लिए सभी के लिए समय आवंटित था। सब ने पंचायत सचिव की उपस्थिति में बारी-बारी से ऑनलाइन शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण से संबंधित पत्र और ग्राम पंचायतों के गठन के दस्तावेज जिला पंचायत राज अधिकारी के जरिए बाद में भेज दिए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कहना है कि वर्चुअल रूप ग्राम प्रधानों व पंचायत सदस्यों की शपथ कराने और ग्राम पंचायतों को संगठित कराने का यह पहला अनुभव है। आने वाले समय में अब पंचायतों के कामकाज को अधिक से अधिक ऑनलाइन करने का प्रयास होगा।
युवा ग्राम प्रधानों में दिखा काम का जज्बा युवा ग्रामप्रधानों में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेते समय गांव के विकास को लेकर जज्बा और उत्साह नजर आया। बाराबंकी में बीसीए कर चुकी 23 साल की प्रिया ग्राम प्रधान बनी हैं तो वाराणसी के चंद्रशेखर 24 साल के हैं। वह बीएचयू से एमएससी हैं। उनका कहना है गांव के बुजुर्गों और पढ़े-लिखे नौजवानों के साथ मिलकर गांव को आर्दश बनाने का काम करेंगे। लखनऊ यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट बिमला सरोज हरदोई में ग्राम प्रधान बनी हैं। वह गांव के विकास कार्यों की लिस्ट तैयार कर चुकी हैं। उनका कहना है मेरे बाबा भी प्रधान रहे हैं। उनके अनुभवों से वह गांव की तस्वीर बदलने का प्रयास करेंगी।
सात फेरों से पहले गांव के विकास की बात लखनऊ में निगोहां के अकबरपुर गांव के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान विशाल शुभम (28) की शादी 25 मई को पहले से ही तय थी और सरकार का इसी दिन शपथ ग्रहण कराने का निर्णय भी हो गया। लिहाजा शुभम ने पहले गांव की विकास की शपथ ली और फिर जिंदगी की नई पारी की शुरूआत करने की तैयारियों में जुट गये। शुभम दूल्हे के रूप में तैयार थे तभी शपथ ग्रहण का नंबर आ गया। शुभम ने मंडप के नीचे ही दूल्हे की पोशाक पहनकर आनलाइन शपथ ली।