पता पूछते हुए कमलेश के दफ्तर पहुंचे और यहां महज डेढ़ मिनट के भीतर हत्याकांड को अंजाम दिया था। हत्यारे कमलेश का सिर धड़ से अलग करना चाहते थे, इसलिए गला रेता था। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर दहशत फैलाना चाहते थे कि अब कोई विवादित टिप्पणी न करे। लेकिन पकड़े जाने के डर से उन्हें भागना पड़ा।
आरोपी नहीं छिपाना चाहते थे नाम हत्यारोपियों ने बताया कि, कमलेश के दफ्तर में उनका गार्ड सो रहा था। नीचे कोई नहीं था। कमलेश ने अपने कर्मचारी सौराष्ट्र को बता रखा था कि, कुछ मेहमान आने वाले हैं। इसलिए सौराष्ट्र ने उन्हें नहीं रोका। आरोपियों ने इस बात को नकारा है कि, वे पिस्टल व चाकू मिठाई के डिब्बे में लेकर आए थे। बताया कि, अशफाक के पास पिस्टल थी, जबकि दोनों चाकू पैंट में रख रखा था। आधा किलो वाले मिठाई के डिब्बे में सिर्फ रसीद थी। चाहते थे जांच में उनका नाम सामने आए।
सिखाना चाहते थे सबक अशफाक ने पूछताछ में बताया कि, वे सबको यह संदेश देना चाहते थे जो धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले बयान देगा, उसका यही अंजाम होगा। इसीलिए दोनों हर जगह असली आईडी लगा रहे थे और सबूत छोड़ते हुए जा रहे थे। लखनऊ में ही सरेंडर की योजना थी। लेकिन कमलेश पर हमला करते समय अशफाक ने जो गोली चलाई, वह मोइनुद्दीन के हाथ में लगी थी।