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फिर गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की गूंज
गोमती नदी के किनारे सौंदर्यीकरण का काम समाजवादी सरकार में शुरु किया गया था। उस समय यह प्रोजेक्टर 749 करोड़ रुपये का था, लेकिन बाद में यह बढ़ते हुए 1513 करोड़ तक पहुंच गया। बीजेपी सरकार ने सत्ता में आते ही इस मामले पर जांच शुरु करा दी। यूपी पुलिस ने इस मामले में राज्य के सिंचाई विभाग के आठ इंजीनियरों के खिलाफ जुलाई में गोमतीनगर में थाने केस दर्ज हुआ था।
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इसके बाद योगी सरकार ने सीबीआई से मामले की जांच की सिफारिश की। सीबीआई ने अब विभाग के इंजीनियर गुलेश चंद्र, एस एन शर्मा, काजिम अली, इंजीनियर मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव और कार्यकारी इंजीनियर सुरेंद्र यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। वहीं जानकारी के मुताबिक इनमें से गुलेश चंद्र, शिव मंगल यादव, अखिल रमन और रूप सिंह यादव विभाग से रिटायर हो चुके हैं।