सभी संवेदनशील जिलों में सुरक्षा प्रबंध और मजूबत करने के लिए अतिरिक्त रूप से 70 कंपनी पीएसी की तैनाती की गई है। जिलों के पुलिस कप्तानों को सेक्टर व्यवस्था लागू करके सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि विध्वंस ढांचे के मामले में भाजपा के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 49 लोगों को मुल्जिम बनाया गया है। इनमें से 17 की मौत हो चुकी है।
नजरबंद हो सकते हैं आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी अयोध्या में सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये हैं। आरोपियों के वकीलों के अनुसार पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी की उम्र का लिहाज करते हुए अदालत में निजी तौर पर उपस्थित रहने से छूट दी गयी है। वे वीडियाे कांफ्रेसिंग के जरिये अपनी मौजूदगी अदालत में दर्ज कराएंगे। इस दौरान उनके आवास के बाहर पुलिस तैनात रहेगी और अगर जरूरत पड़ी तो उन्हे घर में नजरबंद किया जा सकता है। इसी प्रकार कोरोना संक्रमण से ग्रसित मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती,यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अलावा कोरोना से उबरने के बावजूद लगातार आक्सीजन पर चल रहे महंत नृत्य गोपाल दास अदालत में उपस्थित नहीं होंगे। मामले के आरोपी सतीश प्रधान समेत कुछ अन्य आरोपियों को भी बीमारी के कारण अदालत में मौजूद रहने से छूट दी गयी है।
प्रदेशभर में अलर्ट एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि अयोध्या में पहले से ही पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध हैं। मथुरा, वाराणसी तथा अन्य जिलों में भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है। जगह-जगह पुलिस अफसर एक्टिव हैं। सोशल मीडिया की भी सघन निगरानी कराई जा रही है। जिलों के अलावा डीजीपी मुख्यालय के स्तर से भी सोशल मीडिया को मॉनीटर किया जा रहा है। छोटी-छोटी घटनाओं को बेहद गंभीरता से लेने और हर सूचना पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
जुलूस आदि पर प्रतिबंध अयोध्या के डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि बुधवार को जिले में किसी भी तरह के जुलूस आदि पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का भी सख्ती से पालन कराया जाएगा। जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।