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लखनऊ

Train Incident: चलती ट्रेन में यात्री को हार्ट अटैक, टीटीई ने सीपीआर देकर बचाई जान

Train Incident: ऑपरेशन कर्मयोगी प्रशिक्षण का कमाल, रेलवे कर्मचारियों ने पेश की मानवता की मिसाल। Passenger Suffers Heart Attack in Moving Train; Quick Response by Ticket Examiner Saves Day .

लखनऊNov 23, 2024 / 10:01 pm

Ritesh Singh

रेलवे कर्मचारियों ने पेश की बहादुरी और तत्परता की मिसाल

रेलवे कर्मचारियों ने पेश की बहादुरी और तत्परता की मिसाल

Train Incident: रेलवे ने अपने कर्मचारियों को “ऑपरेशन कर्मयोगी” के तहत उत्कृष्ट प्रशिक्षण देकर उन्हें यात्रियों की सेवा में बेहतर और दक्ष बनाने का जो प्रयास किया है, उसका प्रभाव कल अमृतसर-कटिहार आम्रपाली एक्सप्रेस में देखने को मिला। चलती ट्रेन में एक यात्री को अचानक कार्डियक अरेस्ट (हृदयाघात) हुआ, जिससे कोच में अफरातफरी मच गई। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए छपरा के दो उप मुख्य टिकट निरीक्षकों (टीटीई) राजीव कुमार और मनमोहन कुमार ने तुरंत कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देकर यात्री की जान बचाई। यह घटना न केवल रेलवे की उत्कृष्ट सेवा का उदाहरण है, बल्कि कर्मयोगी मॉड्यूल के तहत कर्मचारियों को दी गई आपातकालीन प्रशिक्षण की उपयोगिता भी दर्शाती है।
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घटना का विवरण: ट्रेन में मची अफरातफरी
घटना ट्रेन संख्या 15708 अमृतसर-कटिहार आम्रपाली एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में हुई। एक यात्री अचानक अचेत होकर गिर पड़ा। कार्डियक अरेस्ट की वजह से उसकी स्थिति गंभीर हो गई, और कोच में अन्य यात्रियों में हड़कंप मच गया। तुरंत सूचना पाकर, टिकट निरीक्षक राजीव कुमार और मनमोहन कुमार ने मौके पर पहुंचकर बिना समय गंवाए यात्री को प्राथमिक चिकित्सा देना शुरू किया।
सीपीआर और कृत्रिम श्वसन से बचाई जान
कर्मचारियों ने कर्मयोगी मॉड्यूल के तहत सीखी गई आपातकालीन चिकित्सा प्रक्रिया का उपयोग किया।

सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन): उन्होंने यात्री को लगातार सीपीआर दिया, जिससे हृदय और मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती रही।
कृत्रिम श्वसन: उन्होंने यात्री को सांस देने के लिए कृत्रिम श्वसन का सहारा लिया।
लगातार प्रयास के बाद यात्री ने अपनी आंखें खोलीं और बेहतर महसूस करने लगा।
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हेल्थ यूनिट की तत्परता और यात्री की सराहना
जब ट्रेन छपरा स्टेशन पहुंची, तब तक यात्री की स्थिति स्थिर हो चुकी थी। स्टेशन पर हेल्थ यूनिट के डॉक्टरों ने यात्री का तुरंत उपचार किया। यात्री और उसके सहयात्रियों ने रेलवे कर्मचारियों की त्वरित कार्रवाई और उनके मेडिकल ज्ञान की प्रशंसा की। यात्री ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यदि ये कर्मचारी समय पर मदद न करते, तो मेरी जान बचना मुश्किल था।”
ऑपरेशन कर्मयोगी: कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि
रेलवे प्रशासन ने अपने कर्मचारियों को कर्मयोगी मॉड्यूल के तहत प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर जैसे जीवन रक्षक कौशल में प्रशिक्षित किया है।

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मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य
कर्मचारियों की कार्यक्षमता और दक्षता को बढ़ाना।
आपातकालीन स्थितियों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना।
यात्रियों की सुरक्षा और सेवा को प्राथमिकता देना।
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस प्रशिक्षण से कर्मचारियों की सेवा गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और यह घटना इसका बेहतरीन उदाहरण है।
रेलवे प्रशासन और यात्रियों की प्रतिक्रिया
रेल प्रशासन ने टीटीई राजीव कुमार और मनमोहन कुमार के प्रयासों की सराहना की। अधिकारियों ने कहा, “इन कर्मचारियों ने जिस तरह से स्थिति को संभाला, वह ट्रेनिंग और उनकी मानवता का नतीजा है। यह मिशन कर्मयोगी की सफलता को दर्शाता है।”
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यात्रियों का आभार
घटना के दौरान कोच में मौजूद अन्य यात्रियों ने भी रेलवे कर्मचारियों की प्रशंसा की। एक यात्री ने कहा, “ट्रेन में सीपीआर देकर जान बचाना आसान नहीं होता, लेकिन इन कर्मचारियों ने जो किया वह सराहनीय है।”
रेलवे में मिशन कर्मयोगी का महत्व
रेलवे प्रशासन अपने कर्मचारियों को न केवल तकनीकी प्रशिक्षण दे रहा है, बल्कि उन्हें यात्रियों की सेवा में हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार कर रहा है।
प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण: सीपीआर, कृत्रिम श्वसन और अन्य आपातकालीन प्रक्रियाओं का ज्ञान।
यात्री सेवा कौशल: यात्रियों की जरूरतों को समझने और उनकी समस्याओं को हल करने की दक्षता।
मॉड्यूल का उद्देश्य: यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और रेलवे को सेवा में श्रेष्ठ बनाना।
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यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता
रेलवे प्रशासन इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और विस्तारित करने की योजना बना रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर कर्मचारी को कर्मयोगी मॉड्यूल के तहत प्रशिक्षित किया जाए। मंत्री ने कहा, “इस घटना ने दिखा दिया कि प्रशिक्षित कर्मचारी आपातकालीन स्थितियों में कितने प्रभावी हो सकते हैं। इससे न केवल यात्री सुरक्षित महसूस करते हैं, बल्कि रेलवे पर उनका विश्वास भी बढ़ता है।”
मानवता और ट्रेनिंग की जीत
अमृतसर-कटिहार आम्रपाली एक्सप्रेस की इस घटना ने रेलवे की प्रतिबद्धता और कर्मचारियों की दक्षता को उजागर किया। मिशन कर्मयोगी के तहत किए गए प्रयासों ने एक जीवन को बचाने में मदद की और यह साबित कर दिया कि सही प्रशिक्षण और मानवीय भावना के साथ, असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।

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