2014 में केंद्र सरकार ने शुरू की थी योजना केंद्र सरकार ने 2014 में बैंकों में जन-धन खाता खोलने की योजना को शुरू किया था। जन-धन योजना को इसलिए शुरू किया गया था, जिससे देश के सभी लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा जा सके। प्रधानमंत्री जन-धन योजना से जुड़े खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है।
2 लाख का मिलता है दुर्घटना बीमा इन खाता धारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किया जाता है। इसके अलावा 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा भी मिलता है। इसके साथ ही 10 हजार रुपए के ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा भी दी जाती है। सरकारी आंकड़ों में ये भी पता चलता है कि इन खातों के खुलने के बाद से लोगों की बचत की आदत भी बढ़ी है। जन-धन खाता लॉन्च होने के 7 साल पूरे होने पर पिछले साल अगस्त में सरकार ने बताया था कि औसतन प्रति जन-धन खाता 3398 रुपए जमा हैं। ये जमा रकम अगस्त 2015 की तुलना में प्रति खाते 2.7 गुना से अधिक की बढ़ गई है।
खाता खुलवाने में महिलाएं आगे जन-धन खाते खुलवाने वालों में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा आगे रहती हैं। 55 प्रतिशत जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं साथ ही 67 प्रतिशत जन-धन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में हैं। ऐसे में सरकार इन खाता धारकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाओं से जोड़ना चाहती हैं।