दूबे ने अपने पत्र में कहा, “जब तक हम ऋणदाता के नेतृत्व वाली बोली प्रक्रिया का समर्थन करते रहेंगे, वे एयरलाइन को दोबारा पटरी पर लाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे, लेकिन हमें यह बताते हुए काफी दुख हो रहा है कि वेतन पर कोई स्पष्टता या प्रतिबद्धता हमारे किसी हितधारक ने प्रदान नहीं की है।” उन्होंने कंपनी की दिक्कतों को उच्चतम स्तर पर सरकार के साथ उठाने के प्रयासों का वर्णन किया, इसके हस्तक्षेप और सहायता की मांग की। हालांकि, अभी तक सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं।
कर्मचारी कंपनी के लिए मूल्यवान सीईओ ने कहा, “एक तरफ, हमें बोली प्रक्रिया के दौरान जेट एयरवेज के मूल्य को संरक्षित करने के लिए कहा जा रहा है, हमारे सहयोगी (कर्मचारी) जो एयरलाइन के लिए बहुत मूल्यवान हैं, उनके पास रोजगार खोजने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।” उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, बैंकों ने कहा है कि वेतन को लेकर किसी भी प्रकार की प्रतिबद्धता जताने में वे असमर्थ हैं।” जेट के सीईओ ने भी इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि कंपनी के निदेशक मंडल की कई बैठकों में वेतन भुगतान का मामला उठाए जाने पर भी कोई अनुकूल परिणाम नहीं मिला।
निजी इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स, नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्च र फंड और एतिहाद एयरवेज, अस्थायी रूप से बंद पड़ी जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में हैं।
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