CG News: दिन में प्रेमी जोड़े और रात में नशेड़ियों का अड्डा
अधूरे निर्माण कार्यों और रख-रखाव के आभाव में नगरवासी यहां आने से कतरा रहे हैं। यह पार्क केवल दिन में प्रेमी जोड़े और रात में
नशेड़ियों का अड्डा बनकर रह गया है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी विभागीय उदासीनता के चलते तीन साल बाद तक नेचर पार्क आम लोगों के लिये शुरू नहीं हो पाया है। ज्ञात हो कि भानुप्रतापपुर नगर में कोई भी आकर्षण का केंद्र नहीं है।
इसलिए पूर्व डीएफओ जाधव कृष्ण ने वन मंडल कार्यालय के सामने ही लगभग 10 एकड़ भूमि को एक पार्क बनाने के लिए चुना। यहां पर सेंट्रल पार्क निर्माण जिसमे अलग-अलग प्रजाति के पौधे जैसे फूल, पाम, बेला आदि लगाने, ओपन जिम, सिटिंग एरिया, जॉगिंग एरिया, पाथवे, वॉच टावर, चिन्ड्रन्स प्ले ग्राउंड, योग एरिया, बटर फ्लाई जॉन, एक तालाब जिसमें जलीय जैव विविधता प्रदर्शित हो।
पूरे पार्क के किनारे बांस की अलग-अलग 22 प्रजाति के पौधे, लोगों के बैठने के लिए कुर्सी, बेंच व टॉयलेट आदि की व्यवस्था हेतु प्रोजेक्ट बनाया गया और निर्माण कार्य शुरू करवाया गया। उनके अनुसार मुख्य रूप से पार्क में जैव विविधता को दर्शाया जाना था जिसके लिए फारेस्ट बाथिंग कंसेप्ट के तहत निर्माण किया जाने लगा। नए डीएफओ के आने के बाद से नेचर पार्क का निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है।
पार्क की प्रतिक्षा करते थक चुके नगरवासी
भानुप्रतापपुर नगर के आस-पास वन भूमि पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण को रोकने के लिए जगह का सदुपयोग हो सके और भानुप्रतापपुर नगर के लोगों को एक ऐसी जगह मिले जिसमें जैव विविधता का परिचय भी प्राप्त हो। इसके अलावा यहाँ पर घूमने, जॉगिंग करने, एक्सरसाइज करने, मेडिटेशन करने के साथ बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले भी लगाए गए। लेकिन 1 करोड़ से अधिक रुपये खर्च होने के बाद भी पार्क पूर्ण नहीं हो पाया। नगर के लिए एक गौरव के रूप में स्थापित होने वाला नेचर पार्क के शुरू होने की प्रतीक्षा करते नगरवासी थक चुके हैं।
5 लाख खर्च के बाद भी शौचालय अधूरा
CG News: नेचर पार्क के अंदर 5 लाख की लागत से 2 शौचालय बनाये जा रहे हैं। जिसमें सिर्फ एक-एक रूम बनाये हैं। अभी तक न टाईल्स लगा है न ही दरवाजा। वहीं नेचर पार्क के अंदर लोगों के चलने के लिए पाथवे का निर्माण किया गया है जिसमें सिर्फ मुरुम डाली गई है। ओपन जिम, योगा सेंटर व तालाब का निर्माण कार्य भी अधूरा है जबकि उसकी पूरी राशि निकल चुकी है। पार्क में लगे कई पौधे सूखने की कगार पर हैं। चिल्ड्रन गार्डन में घांस उग आई है। पार्क का इंट्रेंस गेट के साथ अन्य कई निर्माण भी अधूरे है। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि नेचर पार्क में अधिकारियों द्वारा निर्माण के नाम पर शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है।