scriptControvercy on Corona vaccine: मुसलमानों के लिए कोरोना वैक्सिन हलाल है या ….. | Corona vaccine is Halal OR ...... | Patrika News
कोलकाता

Controvercy on Corona vaccine: मुसलमानों के लिए कोरोना वैक्सिन हलाल है या …..

भारत में कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए टिकाकरण की चल रही तैयारी के बीच इसको लेकर हिन्दू-मुसलमान शुरू हो गया है। मुस्लिम धार्मिक नेताओें और संगठनों में कोरोविड-19 वैक्सिन को लेकर बहस छिड़ गई है।

कोलकाताDec 27, 2020 / 02:46 pm

Manoj Singh

मुसलमानों के लिए कोरोना वैक्सिन हलाल है या .....

मुसलमानों के लिए कोरोना वैक्सिन हलाल है या …..

कोरोना से हिन्दू खतरे में, मुसलमान सुरक्षित- मौलाना बर्कति
कहा, मुस्लमानों को वैक्सिन की जरूरत नहीं
कोलकाता
भारत में कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए टिकाकरण की चल रही तैयारी के बीच इसको लेकर हिन्दू-मुसलमान शुरू हो गया है। मुस्लिम धार्मिक नेताओें और संगठनों में कोरोविड-19 वैक्सिन को लेकर बहस छिड़ गई है। बहस इस बात की छिड़ी है कि कोविड-19 वैक्सिन लेना मुसलमानों के लिए सुरक्षित और ***** है या नहीं। इस बहस में अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले कोलकाता के टीपू सुल्तान मस्जिद के पूर्व शाही इमाम मौलाना नूरुर रहमान बर्कति भी कूद पड़े हैं। कोरोना वैक्सिन को लेकर बहस तब छिड़ी, जब कथित तौर पर वेक्सिन के तैयार करने में कथित तौर पर सूअर के अंश के इस्तेमाल होने की खबर प्रकाश में आई।
मौलाना बर्कति ने कहा कि समूचा विश्व कोरोना वायरस महामारी की मार झेल रहा है। लेकिन मुस्लिम समुदाय इससे नहीं डरता है और वे साफ शब्दों में कह रहे हैं कि मुसलमान वैक्सिन नहीं लेंगे। इसे भारतीय मुसलमानों को मारने के लिए यहूदियों की साजिश करार देते हुए पूर्व शाही ईमाम बर्कति ने कहा कि इस वैक्सीन के माध्यम से भारत, मौलाना बर्कति ने कहा कि कोरोनावायरस कभी भी मुसलमानों के लिए खतरा नहीं था। कोरोना हिंदुओं के खतरा है मुस्लिम के लिए नहीं इस वायरस का असर मुस्लिम इलाके में नहीं हुआ है। मुसलमानों पर अल्लाह का रहम है कि हम अभी तक इसके संक्रमित नहीं हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के वैक्सिन में ***** के मांस का इस्तेमाल के बारे में अफवाह फैलने पर मुम्बई के राजा अकादमी और ऑल इंडिया सुन्नी जमियतुल उल्लेमा के सुन्नी धर्म गुरुओं ने चीन देश के वैक्सिन के खिलाफ फतवा जारी किया है। कथित तौर से चीन के वैक्सिन में ***** के मांस का इस्तेमाल किया गया है। राजा अकादमी के घर्मगुरुओं ने दावा किया कि ***** के अंश के इस्तेमाल होने से मुसलमानों के लिए वैक्सिन ***** है।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के उलूम देवबंद ने भी मुसलमानों से फतवा जारी होने का इंतजार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि को वैक्सिन लेने से पहले यह परख लेना चाहुए कि इस्लाम में वैक्सिन लेने की अनुमति है या नहीं है।
एक समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी रहे इमाम बर्कति ने साफ कर दिया कि जब तक मुस्लिम घार्मिक नेताओं के सामने कोरोना वायस के वैक्सिन का फार्मूले का खुलासा नहीं किया जाता तब तक मुसलमान समुदाय के लोगों को वैक्सिन नहीं लेना चाहिए। यह हमारे के लिए ***** है। ***** का मांस खाना और इसे किसी रूप में इस्तेमाल करना इस्लाम में ***** है। ऐसे में वैक्सिन के फॉर्मूले के बारे में मुस्लिम धर्म गुरुओं को बताना पड़ेगा। उसके बाद मुसलमानों को वैक्सिन दिया जाए। पूर्व शाही इमाम नूर-उर रहमान बरकती ने 2018 में स्टिंग ऑपरेशन में उन्होंने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया था कि वे राजनीतिक पार्टियों के लिए मुस्लिम वोट तय कर सकते है। मौलवी ने यह भी स्वीकार किया जाता है कि वे पांच करोड़ में 25 लाख मुस्लिम मतदाओं को प्रभावित कर सकते हैं। वर्ष 2017 में केन्द्र सरकार की ओर से लाल बत्ती के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के बाद लाल बत्ती का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। उन्होंने कहा था कि वे मोदी के आदेशों का पालन नहीं करता। वे उन्हें निर्देश देने वाला कौन होते हैं। ममता दीदी ने उन्हें लाल बत्ती इस्तेमाल करने को कहा है।

Hindi News / Kolkata / Controvercy on Corona vaccine: मुसलमानों के लिए कोरोना वैक्सिन हलाल है या …..

ट्रेंडिंग वीडियो