उन्होंने बिना नाम लिए बड़े नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘आप आरक्षण की बात करते हो, पहले तो आपने अधिसूचना के नाम पर ठगा, सत्ता गई तो आप सत्ता के साथ दूसरी सत्ता में चले गए, कोई बात नहीं। आप सत्ता में रहकर रैली निकाल रहे हो, आप सत्ता में हो सीधा आरक्षण दिलवाओ।
प्रदेश के बारां जिले में सहरिया जाति को अलग से आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार राजस्थान में क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण की मांग कर रहे हैं। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है। आरक्षण हमारा अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे।
अब भारत आदिवासी पार्टी के सांसद और विधायक तय करेंगे कि आरक्षण कब और कैसे लेना है। कॉलेज मैदान से कलक्ट्रेट तक रैली निकाली। अंत में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
10 टापुओं का नामकरण एमपी के आदिवासी के नाम हो: सैलाना विधायक
रोत ने कहा कि ‘अधिकारियों सुधर जाओ, नहीं तो सुधार देंगे।’ जब भी आदिवासी समाज कोई आंदोलन करता है तो कानून के नाम पर डराया जाता है। कहते हो मुकद्दमा दर्ज कर लेंगे। सुधर जाओ नहीं तो कानून के हिसाब से ही सुधार देंगे। ‘पैसा एक्ट’ लागू होकर रहेगा। इस लागू कराना हमारी प्राथमिकता है।
मध्यप्रदेश से आए सैलाना के विधायक कमलेश डोडियार ने कहा कि एमपी का पानी माही में आता है। ऐसे में एमपी के आदिवासियों का भी यहां पूरा हक है। बांसवाड़ा को 100 टापुओं को शहर कहा जाता है। इस कारण 10 टापुओं को नाम एमपी के 10 आदिवासी महापुरुषों के नाम पर होना चाहिए।
साथ ही कहा कि राजस्थान सरकार गलत कदम उठा रही है। यहां पर सोने की खान है उससे खनन का आदि रतलाम की फर्म को दे दिया है। जबकि, इसका काम आदिवासी समिति को देना था। आसपुर विधायक उमेश मीणा ने कहा कि दक्षिणी राजस्थान के मीणाओं को भील लिखना होगा।
भ्रष्टाचारियों को ले गए कोई बात नहीं, संभाग को क्यों लिया: पटेल
कलक्ट्रेट के समक्ष सैकड़ों की भीड़ को संबोधित करते हुए बागीदौरा विधायक जय कृष्ण पटेल ने कहा भाजपा ने हमारे क्षेत्र के सभी भ्रष्टाचारियों को ईडी, सीबीआई के डर दिखा कर भाजपा में मिला लिया कोई बात नहीं पर यह तो बताओ कि बांसवाड़ा से संभाग का दर्जा क्यों छीन लिया? विकास का पैसा सर्किट हाउस में अधिकारी उड़ा रहे- धरियावद विधायक थावरचंद
धरियावद विधायक थावरचंद ने कहा कि ट्राइबल एडवाजरी कमेटी में एक भी आदिवासी विधायक नहीं है। आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए जो पैसा आ रहा है। वह सर्किट हाउस में बैठ कर अधिकारी उड़ा रहे हैं। इससे क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है।
राज्य सरकार को चाहिए कि आदिवासी समाज की सभी मांगों को मानकर विकास का रास्ता खोल दे। रैली को चौरासी विधायक अनिल कटारा ने संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्रीय आधार पर आरक्षण की मांग जायज है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी रास्ता साफ कर दिया।