मिट्टी के कच्चे मकान में रहते हैं रवि हांसदा
पूर्व बर्दवान के कटवा स्थित मंगलकोट थाना क्षेत्र के सौता बस स्टैंड के पास बसा मुशारू आदिवासीपाड़ा है। वहीं छब्बीस साल के रवि हांसदा का मिट्टी का कच्चा घर है। वहां सौ से अधिक आदिवासी परिवार रहते हैं। संतोष ट्रॉफी पर कब्जे के बाद मुहल्ले में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। सभी रवि के आने का इंतजार में हैं। रवि के अलावा तुलसीदेवी की एक बेटी रासमणि है, जिसकी शादी हो चुकी है। सौता बस स्टैंड के पास खेल का मैदान है। आदिवासीपाड़ा मिलन संघ क्लब के इस मैदान में रवि फुटबॉल का अभ्यास करता है। क्लब के एक पदाधिकारी अंकल तंबर मुर्मु ने बताया कि रवि 6-7 वर्ष की उम्र से हमारे साथ इस मैदान पर फुटबॉल खेलता था। 12 साल की उम्र में उसे फुटबॉल कोचिंग कैंप में भर्ती कराया गया। भातार एकादश एथलेटिक्स क्लब की ओर से प्रशिक्षण दिलाया गया।
रवि ने किया संभावनाओं को साकार
भातार के एकादश एथलेटिक्स क्लब के फुटबॉल कोच मुद्रास सेडेन ने बताया कि रवि में कुछ करने की संभावनाएं देखी गई थी। रवि ने उसे साबित कर दिखाया है। 2017 में रवि का चयन अंडर-19 बंगाल टीम के ट्रायल में हुआ था। सर्विस की कप्तानी मिली। 2022 में नेशनल गेम्स में बंगाल ने जीत हासिल की। रवि ने उस प्रतियोगिता में पांच गोल दागे। इस साल भी संतोष ट्रॉफी में सबसे ज्यादा गोल करने वाला खिलाड़ी रवि हांसदा ही हैं। फाइनल मैच तक उन्होंने कुल 12 गोल किए।
बंगाल फुटबॉल के उज्ज्वल भविष्य की कामना
बंगाल की इस सफलता से राज्य सरकार खुश है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवान्न के सभागार में बंगाल टीम के सभी सदस्यों को बुलाया और उन्हें बधाई दी। ममता ने खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए बंगाल फुटबॉल के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने बंगाल टीम के सदस्यों को प्रोत्साहित करने के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा भी की। इसके अलावा उन्होंने सभी सदस्यों को जल्द नौकरी देने का वादा भी किया। इस अवसर पर आईएफए के सचिव अनिवान दत्त ने मुख्यमंत्री को उपहार दिया।