शुरुआत युवा प्रवासी भारतीय दिवस से
पहली बार इस सम्मेलन की मेजबानी कर रही ओडिशा सरकार ने 50 देशों से 3,500 प्रवासियों के सम्मेलन में शामिल होने का लक्ष्य रखा है। उसे इस तीन दिवसीय सम्मेलन में लगभग 7,500 लोगों के हिस्सा लेने का अनुमान है, जिनमें स्थानीय लोग भी होंगे। ओडिशा सरकार की ओर जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू सम्मेलन की मुख्य अतिथि होंगी। इसकी शुरुआत युवा प्रवासी भारतीय दिवस से होगी। अगले दिन नौ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे और इसका समापन 10 जनवरी को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार समारोह से होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी इसमें हिस्सा लेंगी और समापन भाषण देंगी। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में इस सम्मेलन का आरंभ हुआ था। नई दिल्ली, मुंबई, कोच्चि, हैदराबाद, जयपुर, चेन्नई, वाराणसी, बेंगलूरु और इंदौर जैसे शहरों में इसका आयोजन हो चुका है। वर्ष 2021 में कोरोना महामारी के कारण इस सम्मेलन का वर्चुअल आयोजन किया गया था।
प्रवासियों के भव्य स्वागत की तैयारी
भुवनेश्वर नगर निकाय और राज्य के विभिन्न विभागों ने सम्मेलन के साथ ही अतिथियों के मनोरंजन के लिए कई सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रमों की योजना बनाई है। इनमें रात का फ्ली मार्केट, आदिवासी मेला, खाद्य महोत्सव, राजरानी संगीत फेस्टिवल, मुक्तेश्वर नृत्य महोत्सव और एकाम्र महोत्सव जैसे प्रमुख आयोजन शामिल हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष नवंबर में 125 करोड़ रुपए जारी किए। आमंत्रित विशेष अतिथियों को पर्यटन स्थलों की सैर करवाने के लिए मुंबई से पांच डबल डेकर और 10 प्रीमियम बसें मंगवाई गई हैं। उन्हें कलिंग युद्ध स्थली, पुरी जगन्नाथ मंदिर, ब्लू फ्लैग समुद्री तट और कोणार्क के विख्यात सूर्य मंदिर सहित कुल 31 प्रमुख स्थलों पर ले जाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है।
संस्कृति को नई पहचान देने की कोशिश
भुवनेश्वर को पारंपरिक चारुकला चित्रकला, हस्तकलाओं और आधुनिक रोशनी से सजाया जा रहा है। वस्त्र शिल्प में प्राचीन ओडिशा की कुशलता प्रदर्शित करने के लिए विशेष हैंडलूम वाकाथन का आयोजन किया गया है। इसमें मॉडल पारंपरिक वेशभूषा में पूरे शहर की परिक्रमा करेंगे। यह स्थानीय संस्कृति और शिल्प को एक नई पहचान देने की कोशिश है।