scriptयहां एक साल में ही भंग हो गई कई गांव की मर्यादा… | Negative condition SBM in Bahorband Block | Patrika News
कटनी

यहां एक साल में ही भंग हो गई कई गांव की मर्यादा…

– सुविधाघर निर्माण होने के बाद भी उपयोग होने की स्थिति में नही हैै। वर्तमान में गांव में बने सुविधाघर के वास्तविक स्थिति यह है कि किसी सुविधाघर की छत नही है, किसी के दरवाजे टूटे पड़े हैं तो कही की सीट उपयोग के लायक नही है इतना ही नही सुविधाघर को इतना छोटा और घटिया बना दिया गया है कि हितग्राही इसका उपयोग नही कर पा रहे है। – किसी पर छत नही कहीं दरवाजे टूटे, तो कही सीट नही बची उपयोग के काबिल- स्वच्छ भारत मिशन की खुली पोल हकीकत आयी सामने, बहोरीबंद जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायतो में एक साल पूर्व स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्माण कराए गये। – वही कही जगह सुविधा घरों में लकड़ी व कंडे हितग्रहियों के द्वारा रख कर घरेलू उपयोग किया जा रहा है और शौचालय के निर्माण के बाद भी खुले में शौच को जाने मजबूर है।

कटनीJun 22, 2019 / 09:20 pm

balmeek pandey

Negative condition SBM in Bahorband Block

Negative condition SBM in Bahorband Block

कटनी/स्लीमनाबाद. बहोरीबंद जनपद के अंतर्गत ग्राम पंचायतो में एक साल पूर्व स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्माण कराए गये। सुविधाघर निर्माण होने के बाद भी उपयोग होने की स्थिति में नही हैै। वर्तमान में गांव में बने सुविधाघर के वास्तविक स्थिति यह है कि किसी सुविधाघर की छत नही है, किसी के दरवाजे टूटे पड़े हैं तो कही की सीट उपयोग के लायक नही है इतना ही नही सुविधाघर को इतना छोटा और घटिया बना दिया गया है कि हितग्राही इसका उपयोग नही कर पा रहे है। वही कही जगह सुविधा घरों में लकड़ी व कंडे हितग्रहियों के द्वारा रख कर घरेलू उपयोग किया जा रहा है और शौचालय के निर्माण के बाद भी खुले में शौच को जाने मजबूर है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों स्वच्छ भारत अभियान को लेकर केन्द्र से लेकर राज्य सरकार तक सक्रिय है। इन दिनों सुविधा घरों का सत्यापन का कार्य जारी है।बहोरीबंद जनपद की 79 ग्राम पंचायतों मैं स्वच्छता का सत्यापन कार्य करने 105 स्वच्छताग्राहियो को तैनात किया गया है।यहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत 40 हजार 900 सुविधा घरों का निर्माण कार्य कराया गया। जब सुविधाघर की जमीनी हकीकत देखने के लिये ग्राम पंचायतों में हितग्राहियों के घर पहुंचे तो यहां सुविधाघर बदत्तर स्थिति मै मिले। कुछ स्थानों पर तो इतना छोटा सुविधाघर बनाया गया है कि सुविधाघर की छत ही नही है। कहीं फर्श उखड़ गये है किसी के दीवार में दरार आ गई है तो कहीं प्लास्टर उखड़ रहा है। कहीं तो लगता है कि पैर रखते ही सुविधाघर की सीट जमीन में धस जाएगी।कुल मिलाकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाये गये सुविधाघर हितग्राहियों के लिये अनुपयोगी साबित हो रहे है। स्वच्छताग्राहियो के द्वारा शुक्रवार को ग्राम पंचायत देवरी, मवई, चरंगवा, पहरुआ में स्वच्छता सत्यापन कार्य के दौरान हकीकत देखने को मिली।

 

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बारिश के मौसम में होगी परेशानी
ग्रामीणों की माने तो गांव के अंदर सुविधाघर का निर्माण होता देख वो सब मन ही मन बहुत खुश हो रहे थे कि अब खुले में शौच के लिये नही जाना पड़ेगा। उससे छुटकारा मिलेगा लेकिन उन की खुशी कुछ माह के लिये ही थी जर्जर हो चुके सुविधाघर के कारण मजबूरन उन्हे खुले में शौच जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया है कि अभी बरसात के मौसम में गांव देहात में बाहर खुले में शौच के लिये जाना परेशानी के साथ साथ खतरनाक होता है इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों मे सर्पदंश की ज्यादा घटना घटती है। अन्य दिक्कतों के चलते भी लंबी दूरी तय कर निर्जन इलाकों की खोज करनी पड़ती है। अथवा सूनसान इलाकों का रूख करना पड़ता है जो काफी खतरनाक है।

जिम्मेदारों की भूमिका पर उठ रहे सवाल
पंचायत स्तर पर पर होने वाले निर्माण कार्य चाहे वो सरकारी हो अथवा हितग्राही मूलक बेहतर और गुणवत्ता पूर्वक हो इसकी पूरी पूरी जवाबदारी स्थानीय पंचायत के सरपंच सचिव रोजगार सहायक की होती है ये अपने जवाबदारी और देखरेख की भूमिका से मुकर नही सकते। लेकिन सुविधाघर निर्माण में सारा दोष हितग्राही के ऊपर ही आ रहा है। क्योंकि हितग्राही भोले भाले होने के साथ साथ अशिक्षित और जानकार नही है। ऊपर बैठे जवाबदार भी नीचे स्तर से भेजे गये कागजी जानकारी को सही मान लेते है। कभी ये जमीनी हकीकत जानने का प्रयास भी नही करते जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार पदाधिकारी पर ठोस कार्यवाही नही करते यही कारण है कि गावँ के दर्जनों परिवार बड़े बूढे महिलाएं, बच्चे जवान सभी एक अदद साफ सुथरे सुविधाघर को मोहताज है। पूरे जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में बने सुविधाघर की स्थिति ऐसी ही है। सुविधाघर जमीदोज होने की स्थिति में पहुंच रहे है। गांव को कागजों मे ही खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया व ओडीएफ होने का प्रमाण पत्र ले लिया गया है।

 

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इनका कहना है
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेशानुसार वर्तमान मे जनपद की ग्राम पंचायतों मैं सुविधा घरों का सत्यापन स्वच्छताग्राहियो के द्वारा किया जा रहा है।साथ ही सुविधा घरों का उपयोग करने हितग्रहियों को समझाइश भी दी जा रही। किन किन पंचायतो में सुविधा घर गुणवत्ता हीन बने रिपोर्ट मिलते है। उन पंचायतो पर कारवाई की जाएगी।
शिवानी जैन, जनपद सीईओ बहोरीबंद।

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