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कटनी

‘चावल’ बनाने मिलर्स केंद्रों से सीधे उठा रहे एक लाख मैट्रिक टन ‘धान’

Millers are lifting one lakh metric tonnes of paddy

कटनीJan 16, 2025 / 09:07 pm

balmeek pandey

Millers are lifting one lakh metric tonnes of paddy

Millers are lifting one lakh metric tonnes of paddy

67 मिलर्स ने किया नागरिक आपूर्ति निगम से अनुबंध, 36 हजार 778 मैट्रिक टन हुआ उठाव, 5 हजार मैट्रिक टन गोदामों में जमा हुआ नया चावल

कटनी. जिले में इस साल धान की रिकॉर्ड पैदावार हुई है। किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने का कार्य जोरों पर है। अब तक 3 लाख 98 हजार 449 मैट्रिक टन से अधिक धान का उपार्जन किया जा चुका है। सरकारी समितियों से खरीदी गई धान का बड़ा हिस्सा अब सीधे मिलर्स को मिलिंग के लिए दिया जा रहा है। नागरिक आपूर्ति निगम ने मिलर्स के साथ अनुबंध की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिले में कुल 109 पंजीकृत मिलर्स हैं, जिनमें से 98 मिलर्स ने अनुबंध प्रक्रिया पूरी कर ली है। इनमें से 67 मिलर्स ने धान का उठाव शुरू कर दिया है।
मिलिंग प्रक्रिया की धीमी गति को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में सभी मिलर्स औसतन प्रतिदिन 10 हजार 160 मैट्रिक टन धान की मिलिंग कर रहे हैं। अब तक 87 हजार 812 मैट्रिक टन धान का अनुबंध किया गया है। 36 हजार 778 मैट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। 54 हजार 81 मैट्रिक टन के डीओ (डिलीवरी ऑर्डर) जारी किए गए हैं। हालांकि, 17 हजार 303 मैट्रिक टन का उठाव अभी भी लंबित है।
धान के बदले चावल जमा करने में देरी
मिलर्स को अनुबंध के तहत धान के बदले चावल नागरिक आपूर्ति निगम को जमा कराना है। अब तक 24 हजार 641 मैट्रिक टन चावल जमा होना था, लेकिन केवल 5 हजार 67 मैट्रिक टन चावल ही जमा हो सका है। शेष 19 हजार 574 मैट्रिक टन चावल का अब भी इंतजार है।

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समितियों से सीधे धान देने की प्रक्रिया
सरकार द्वारा समितियों से सीधे धान मिलर्स को दी जा रही है। पहले धान को गोदाम में रखा जाता था, जहां महीनों तक स्टोरेज के कारण गोदाम का किराया और सुरक्षा का खर्च बढ़ता था। अब धान को सीधे मिलर्स को भेजने से स्टोरेज का खर्च और समय दोनों बच रहे हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य धान मिलिंग को तेज करना और सरकारी संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करना है।
किसानों और सरकार के लिए फायदेमंद कदम
इस प्रक्रिया से धान का उठाव जल्दी हो रहा है, जिससे किसानों को भुगतान में देरी नहीं हो रही। गोदाम का किराया और सुरक्षा पर खर्च होने वाली राशि की बचत हो रही है। अनुबंध के तहत मिलर्स को धान की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। मिलर्स को भी सही धान मिल रही है। नई व्यवस्था न केवल समय और संसाधनों की बचत कर रही है, बल्कि जिले में कृषि क्षेत्र को भी प्रोत्साहन दे रही है।
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परिवहन व भुगतान धीमा
जिले में अबतक 3 लाख 98 हजार 449 मैट्रिक टन खरीदी हो गई है। 3 लाख 82 हजार 253 मैट्रिक टन परिवहन के लिए तैयार है, 3 लाख 1 हजार 715 मैट्रिक टन का परिवहन हो चुका है। 97 हजार 234 मैट्रिक टन का परिवहन शेष है। जिल में अभी सिर्फ 52 फीसदी ही भुगतान किसानों को हुआ है। 441 करोड़ रुपए किसानों का बकाया है।
खास-खास:

  • 21 गोदाम स्तरीय केंद्रों में हो रही धान खरीदी।
  • 2300 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से ली जा रही धान।
  • 53193 किसान बेचेंगे समर्थन मूल्य में सरकार को धान।
  • 47 हजार 977 किसानों ने अबतक बेची है उपज।
  • 4 लाख 50 हजार मैट्रिक टन उपार्जित होने का है लक्ष्य।
  • 476 करोड़ रुपए किसानों को अबतक हो चुका है भुगतान।
वर्जन
जिले में 3 लाख 98 हजार मैट्रिक टन से अधिक धान का उपार्जन हो चुका है। एक लाख मैट्रिक टन धान सीधे मिलर्स को दी जा रही है। 98 मिलर्स में से 67 ने अनुबंध कर काम चालू कर दिया है। 37 हजार मैट्रिक टन उठाव हो चुका है। हजार मैट्रिक टन से अधिक चावल भी जमा हो गया है। उठाव में तेजी लाने के लिए मिलर्स को निर्देश दिए गए हैं।
देवेंद्र तिवारी, डीएम नान।

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