प्रारंभिक उपलब्धता मिलने पर बना प्रोजेक्ट
खनिज विभाग व जीएसआई के अधिकारी बताते हैं कि पूर्व में किए गए सर्वे में सोने की प्रारंभिक उपलब्धता मिलने के बाद राज्य शासन द्वारा खनन के लिए पट्टा दिए जाने के लिए आगामी कार्ययोजना प्रस्तावित की है। जिले में एक और सोने की खदान होने से विकास की प्रबल संभावनाएं बढ़ जाएंगी। विश्व पटल पर जिले का नाम होगा। बता दें कि जिले में सोना ही नहीं बल्कि वनेडियम, लीथियम, टाइटेनियम, कोबाल्ट, ग्रेमियम व प्लेटिनम धातु की खोज हो चुकी है, इनकी खोज यहां पर 1995 से चल रही थी। अब लगभग एक साल के अंदर जीएसआई खनन की प्रक्रिया शुरू करेगा।
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सीएल-एमएल की हो रही कार्रवाई
जीएसआई व खनिज विभाग द्वारा जिले में दो प्रमुख खदानों के लिए खनिज ब्लॉकों का खनिज नीलाम नियम 2015 के अनुसार सीएल/एमएल के लिए निवर्तन किए जाने की कार्रवाई शासन द्वारा की जा रही है। इसमें मुख्य रूप से सेलारपुर-नवलिया तहसील बहोरीबंद का बेसमेटल ब्लॉक 300 हेक्टेयर में व पड़वार में आयरन व मैंगनीज ब्लॉक के लिए 350 हेक्टेयर रकवा चिन्हित किया गया है। इस संबंध में वन विभाग को भी पत्र क्रमांक 1103 जारी कर सूचना भेजी गई है। स्थल जांच प्रतिवेदन चाहा गया है।
कटनी जिले में पूर्व से स्लीमनाबाद इमलिया में सोने की खदान स्वीकृत है। खनन के लिए ऑक्सन की प्रक्रिया चल रही है। बहोरीबंद के सेलारपुर नवलिया में भी प्रारंभिक सर्वे में बेसमेटल की अपार संभावनाएं मिली हैं। अब यहां पर 300 हेक्टेयर का खनन पट्टा दिए जाने के लिए कार्ययोजना प्रस्तावित की गई है।
केपी दिनकर, डीजीएम जीएसआई।