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कीचड़ से फिसलते हैं वाहन
स्थानीय निवासी बिट्टू मिश्रा, संतोष तिवारी, अजय तिवारी, सतीश मिश्रा आदि ने बताया कि पांच कलेक्टर अबतक बदल गए हैं, लेकिन लगभग 100 मीटर मार्ग की स्थिति नहीं बदले। पिछले 8-10 वर्षों से मुख्य मार्ग के परखच्चे उड़े हैं, लेकिन इस दिशा में किसी भी व्यक्ति द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा। दलदल के कारण यहां से निकलने वाले राहगीरों को भारी समस्या होती है। बाइक व साइकिल सवार कभी भी स्लिप होकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। जनप्रतिनिधि से लेकर कलेक्टर इस मार्ग से निकलते हैं, लेकिन समस्या समाधान पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा।
पाथ-वे के उड़े परखच्चे
जुहला बायपास में चाका से जुहला तक बायपास का निर्माण एनएच-43 में किया गया है। जुहला बायपास में अभी हाल में बने पाथ-वे के परखच्चे उड़ गए हैं। ठेकेदार द्वारा एकदम गुणवत्ताविहीन कार्य कराया गया है। कांक्रीट सड़क पर डामल के लेप से उसको पाटने का काम किया जा रहा है। सड़क व पाथ-वे में हुई गड़बड़ी के कारण राहगीरों व वाहन चालकों को हो रही समस्या को लेकर मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल ने विधानसभा में मामले को रखा है।
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– जुहला बायपास में लगभग 100 मीटर का मार्ग एकदम जर्जर हो गया है, राहगीरों का यहां से सफर करना मुहाल हो गया है।
– मार्ग में कई जानलेवा गड्ढे हैं, इसके बाद भी पीडब्ल्यूडी व प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा।
– यहां से हर दिन जनप्रतिनिधि भी निकलते हैं बावजूद इसके कई वर्ष पुरानी इस समस्या को हल कराने कोई आगे नहीं आ रहा।
– गड्ढों और दलदल के कारण यहां पर हमेशा हादसे हो रहे हैं, इसके बाद भी जिम्मेदार कोई सबक नहीं ले रहे।
– इस मार्ग के सुधार को लेकर प्रदर्शन, चक्काजाम भी हो चुका है, बावजूद इसके प्रशासन सुधार कार्य नहीं करना रहा।
चक्काजाम के बाद भी नहीं सुधार
जुहला बायपास के लगभग 100 मीटर मार्ग के खराब होने से राहगीरों को हो रही परेशानी को लेकर कई बार प्रदर्शन किया जा चुका है। हादसे के बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम भी कर दिया था, इसके बाद भी सुधार के लिए अबतक कोई ध्यान नहीं दिया है। हैरानी की बात तो यह है कि विकास की गंगा बहाने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधि भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहे।