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पहले बर्खास्त, फिर काम
उल्लेखनीय है कि राबानी कंपनी को पीआइयू ठेका दिया था उसने समय से काम शुरू नहीं किया, जिस पर उसे बर्खास्त कर दिया गया था। दूसरा टेंडर निकाला गया, लेकिन राशि कम आने के कारण फिर से निरस्त हो गया। इसके बाद बर्खास्त की गई कंपनी को अस्पताल बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। आलम यह है कि पहले 9 माह बाद तक अस्पताल का काम नहीं शुरू हुआ अब काम शुरू हुआ तो मंथर गति से चल रहा है।
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खास-खास:
– 1623 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद जे प्लस थ्री मेटरनिटी वार्ड और बच्चा वार्ड बनाया जाना है, अस्पताल का निर्माण पीआइयू द्वारा कराया जा रहा है।
– 12 जनवरी 2018 को प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी, मेसर्स रबानी कंस्ट्रक्शन उड़ीसा को 6 फरवरी 2018 को कार्यादेश जारी किया गया।
– दूसरी आमंत्रित निविदा में 2.11 करोड़ की राशि कम आई तो शासन स्तर पर निविदा हो गई थी निरस्त।
– ठेकेदार को 4 अक्टूबर को फिर से मौका दिया गया, 5 फरवरी 2020 तक कंम्पलीट करके देना है, लेकिन अभी तक नीव कंपलीट नहीं हुई।
– अस्पताल के मार्ग को कर दिया है प्रभावित, ऑक्सीजन सिलेंडर व दवाएं ले जाने में होती है परेशानी
इनका कहना है
ठेकेदार द्वारा अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा है। कुछ दिनों में फाउंडेशन तैयार हो जाएगा। वहां पर जगह की कमी के कारण काम करने में समस्या हो रही है। ठेकेदार को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए जाएंगे।
एसके यादव, कार्यपालन यंत्री, पीआइयू।