script2 June Ki Roti के लिए हर रोज मेले में बिकता है मजदूर, फिर भी लड़ता है भूख से | 2 June Ki Roti ke liye Mazdoor ka Sangharsh | Patrika News
कासगंज

2 June Ki Roti के लिए हर रोज मेले में बिकता है मजदूर, फिर भी लड़ता है भूख से

2 June Ki Roti की रोटी के लिए यहां बीते हुए कल भी मजदूर का मेला लगता था, आज भी लगता है और शायद आने वाले कल भी लगता रहेगा।

कासगंजJun 02, 2019 / 04:25 pm

अमित शर्मा

2 June ki roti

2 June Ki Roti के लिए हर रोज मेले में बिकता है मजदूर, फिर भी लड़ता है भूख से

2 june Ki Roti की रोटी के लिए जंग लड़ने वालों के लिए आज का दिन भी हर दिन की तरह सामान्य है लेकिन आज इस रोटी के लिए संघर्ष करने वाले चर्चा सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक होती है इसका काराण है आज की तारीख दो जून। लेकिन हर बार की तरह ये तारीख भी बदल जाएगी, बदलेगी नहीं 2 june ki roti के लिए संघर्ष करने वालों की तकदीर। वर्षों से इस बात की गवाही दे रहा है कासगंज शहर का सोरों गेट। यहां बीते हुए कल भी दो समय की रोटी कमाने के लिए मजदूर का मेला लगता था, आज भी लगता है और शायद कल भी लगता रहेगा।
यह भी पढ़ें

2 June Ki Roti का ये किस्सा हैरान कर देने वाला, ऐसे भी परिवार जो आज भी हैं दो जून की रोटी के लिये हैं मोहताज…

2 June ki roti
कितनी सरकारें आईं और गईं, कितने दावे वादे किए गए लेकिन इन मजदूरों की तकदीर नहीं बदली। मजदूरों को 360 दिनों में से 250 दिनों का काम देने का वादा भी किया गया लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। मजदूर आज भी दो जून की रोटी कमाने के लिए दर दर ठोकरें खा रहा है।
2 June ki roti
सोरों गेट पर मजदूरों के मेले में दो जून की रोटी कमाने के लिए हर रोज बोली लगती है। कुछ मजदूरों को रोटी नसीब हो जाती है, कुछ लोगों को दो जून पर भी रोटी नसीब नहीं होती। जब हमने इन मजदूरों से बात की तो उन्होंने क्या साफ कहा कि ‘साहब मजूदरी की तलाश में आते हैं, लेकिन उन्हें मजूदरी नहीं मिलती है। जिससे परिवार के लिए दो जून की रोटी तक नसीब नहीं होती है। सरकार मनरेगा के तहत मजदूरी देने का दावा तो करती है, लेकिन इनसे में मजदूरी करने के बाद मेहनताना नहीं मिल पाता। इसलिए वह नकद मजदूरी के लिए रोजाना इस मेले में आते हैं।

Hindi News / Kasganj / 2 June Ki Roti के लिए हर रोज मेले में बिकता है मजदूर, फिर भी लड़ता है भूख से

ट्रेंडिंग वीडियो