तिरंगा यात्रा के दौरान चली थी गोली
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जब यात्रा एक कॉलेज के पास पहुंची तो वहां सलीम, वसीम, नसीम और अन्य आरोपियों ने रास्ता रोक लिया। मौके पर काफी गहमीगहमा हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि बात मारपीट और गाली गलौज से आगे बढ़ गई। चंदन गुप्ता ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उन पर पथराव किया। इसी दौरान चंदन को गोली मार दी गई। गोली लगने के बाद चंदन गंभीर रूप से घायल हो गया। चंदन के भाई विवेक और अन्य युवक किसी तरह अपनी जान बचाकर थाने पहुंचे और घायल चंदन को अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने चंदन को मृत घोषित कर दिया। कानूनी लड़ाई और धाराएं
अब चंदन गुप्ता के पिता सुशील गुप्ता ने हत्या का मामला दर्ज कराया। मामले की सुनवाई के दौरान एनआईए कोर्ट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 28 आरोपियों को दोषी पाया। इन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगा), 149 (सामूहिक अपराध), 295 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 336, 427, 323, और 504 के साथ-साथ राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम और सीएलए अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
दोषी और बरी किए गए आरोपी
इस मामले में कोर्ट ने वसीम जावेद उर्फ वसीम, नसीम जावेद, मोहम्मद जाहिद कुरैशी उर्फ जाहिद उर्फ जग्गा ,आसिफ कुरेशी उर्फ हिटलर,असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शवाब अली खान, राहत, सलमान, मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बबलू, निशु उर्फ जीशान, वासिफ, इमरान, शमशाद ,जफर, साकिर ,खालिद परवेज ,फैजान, इमरान, साकिर, मोहम्मद आमिर रफी, कासगंज जेल में बंद मुनाजिर और कोर्ट में सरेंडर हुए सलीम को उम्रकैद की सजा सुनाई। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार जीत गया परिवार
चंदन गुप्ता के परिवार ने इस मामले में न्याय के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। उनके पिता सुशील गुप्ता ने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया। कोर्ट के फैसले के बाद परिवार ने संतोष व्यक्त किया लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए।