पिछले साल से ही मिल रहे संकेत
पिछले साल से ही कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने निशांत को पार्टी में शामिल करने की मांग की है, जबकि वरिष्ठ नेताओं ने ऐसी संभावना को खारिज कर दिया है। हालांकि, समय-समय पर उनका नाम सामने आता रहा। निशांत के राजनीतिक पदार्पण के दावे विशेष रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों के आसपास जोर पकड़ रहे थे, कई नेताओं ने उनके शामिल होने के संकेत दिए थे। जेडी(यू) के महासचिव परम हंस कुमार ने उस समय कहा था कि निशांत कुमार को पार्टी और राज्य के कल्याण के लिए आगे आना चाहिए।
क्या बोले परम हंस?
परम हंस कुमार ने कहा, “निशांत जी बहुत शांत और अच्छे दूरदर्शी नेता साबित हो सकते हैं। जहां तक हमने देखा और सुना है, वह बहुत ही व्यवहार कुशल हैं और एक प्रभावी युवा नेता साबित हो सकते हैं।” पिछले साल जुलाई में कुमार ने राजनीति में प्रवेश के अपने दावों को खारिज कर दिया था। राजनीति में प्रवेश के दावों को खारिज करते हुए कुमार ने कहा, “मैं यहां आध्यात्मिक दृष्टिकोण से आया हूं। मैं अपने मोबाइल के लिए स्पीकर खरीदने आया हूं ताकि मैं ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ को बेहतर तरीके से सुन सकूं। मैं पहले ही आध्यात्मिक मार्ग पर चल पड़ा हूं।” इससे पहले, उन्हें 2015 में अपने पिता के शपथ ग्रहण समारोह के समय देखा गया था।
जेडी(यू) नेता बोले- निशांत को सरकार की अच्छी समझ
इसके एक हफ्ते बाद, जेडी(यू) के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने कहा कि निशांत को मौजूदा सरकार की अच्छी समझ है। ऐसे प्रगतिशील विचारों वाले युवाओं का राजनीति में स्वागत है। सही समय पर फैसला लिया जाएगा।”निशांत कुमार नीतीश कुमार और दिवंगत मंजू सिन्हा के इकलौते बेटे हैं। बिहार के सीएम आवास तक जेडी(यू) के वरिष्ठ नेता के समान ही पहुंच का आनंद लेने के बावजूद, निशांत वहां अपने ठहरने को सीमित रखने के लिए जाने जाते हैं।अपने पिता की तरह ही निशांत ने भी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।