script‘हिंदू प्रधानमंत्री’ से डरा कनाडा! PM रेस से हिंदू सांसद चंद्रा आर्य को बाहर निकालने की क्या है वजह? | Canada Hindu MP Chandra Arya not be permitted to take part in PM Leadership Race | Patrika News
विदेश

‘हिंदू प्रधानमंत्री’ से डरा कनाडा! PM रेस से हिंदू सांसद चंद्रा आर्य को बाहर निकालने की क्या है वजह?

Canada: चंद्रा आर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्हें कनाडा के PM पद की रेस से बाहर कर दिया गया है, उन्हें चुनाव लड़ने की परमिशन नहीं मिली है।

भारतJan 27, 2025 / 12:26 pm

Jyoti Sharma

Chandra Arya

Canada: भारत से खालिस्तानी मुद्दे पर विवाद के बीच जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का बाद अब कनाडा के PM पद की रेस बेहद मुश्किल होती दिखाई दे रही है। अभी तक 3 भारतवंशी कनाडा के PM रेस में थे और ये उम्मीद जताई जा रही थी कनाडा (Canada PM Race) में कोई भारतीय प्रधानमंत्री बन सकता है, लेकिन इस उम्मीद को झटका अनीता आनंद के साथ लगा जिन्होंने अपना नाम इस दौड़ से वापस ले लिया और अब दो में से एक हिंदू सांसद चंद्रा आर्य (Chandra Arya) को इस रेस से बाहर कर दिया गया है। खुद चंद्रा आर्य ने इस बात की पुष्टि अपने सोशल मीडिया हैंडल पर दी। 

नहीं मिली परमिशन

चंद्रा आर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्हें कनाडा के PM पद की रेस से बाहर कर दिया गया है, उन्हें चुनाव लड़ने की परमिशन नहीं मिली है। उन्होंने कनाडा और ओटावा के नागरिकों के लिए एक धन्यवाद पोस्ट लिखते हुए कहा कि कि मुझे कनाडा की लिबरल पार्टी ने बताया है कि उन्हें प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने की परमिशन नहीं दी जाएगी। पार्टी का ये फैसला कनाडा के अगले PM पद की रेस की वैधता पर बड़े सवाल खड़े ,करता है। आर्य ने कहा कि वे पार्टी के आधिकारिक बातचीत की इंतजार कर रहे हैं। 

अब पार्टी में सिर्फ एक भारतवंशी 

कनाडा के पीएम पद की रेस में दो भारतीयों अनीता आनंद और चंद्रा आर्य के बाहर होने के बाद अब सिर्फ एक भारतवंशी उम्मीदवार इस रेस में बची हैं। ये हैं रूबी ढल्ला (Ruby Dhalla) जो भारतीय मूल की एक कनाडाई मॉडल रह चुकी हैं और पूर्व सांसद हैं। इसके अलावा इस रेस में पूर्व उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, पूर्व बैंकर मार्क कार्नी, सदन की नेता करीना गोल्ड, नोवा स्कोटिया के सांसद जैमे बैटिस्टे और पूर्व सांसद फ्रैंक बेलिस शामिल हैं।

क्या खालिस्तानी प्रभाव से डरी कनाडा की लिबरल पार्टी?

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफ का एक सबसे बड़ा कारक खालिस्तान (Khalistan) भी था। बताया गया था कि ट्रूडो की सरकार ने कनाडा के सिख प्रवासियों के साथ बेहद नजदीकी संबंध बनाए रखे। जिसमें कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के जगमीत सिंह जैसे प्रमुख खालिस्तानी समर्थक नेता भी थे। फिर भी खालिस्तानी नेताओं ने ट्रूडो (Justin Trudeau) की आलोचना करते हुए कहा था कि ट्रूडो ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनके मुद्दों की उतनी वकालत नहीं की जितनी उन्हें जरूरत थी। 
जगमीत सिंह ने एक खुले लेटर में लिखा था कि जस्टिन ट्रूडो एक प्रधानमंत्री के तौर पर सबसे बड़ा काम करने में फेल हो गए, वो था अपने देश के लोगों के लिए काम करना, न कि शक्तिशाली लोगों के लिए, NDP ने इस सरकार को गिरना के लिए वोट करने को भी कहा था। यानी जो खालिस्तानियों की सुनेगा वही कनाडा का नेतृत्व करेगा। ये बात लिबरल पार्टी भी समझ गई थी। 

खालिस्तान विरोधी थे चंद्रा

सांसद च्रंदा आर्या जस्टिन ट्रूडो के समर्थक रहे हैं और उनके करीबी भी हैं, लेकिन उन्होंने खालिस्तानी गतिविधियों का और ट्रूडो के खालिस्तानियों के पक्ष में फैसले का खासा विरोध किया है। चंद्रा आर्य ने कनाडा के टोरंटो में कुछ महीनों पहले हुए हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ जैसे मुद्दों पर विरोध जताया था, इसके लिए उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों को दोषी ठहराया था। इस मुद्दे पर उन्हें काफी पहचान मिली थी। चंद्रा का नाम PM रेस में सामने आने के बाद भारत में भी उनके पीएम पद हासिल करने की संभावना जताई जाने लगी थी। लेकिन लिबरल पार्टी ने चंद्रा को उन्हें परमिशन नहीं दी। 

कौन हैं चंद्रा आर्य

बता दें कि भारतवंशी सांसद चंद्रा आर्य भारत के कर्नाटक के तुमकुर जिले के द्वारलू गांव से हैं। अपनी पढ़ाई-लिखाई उन्होंने कर्नाटक से ही की। कर्नाटक विश्वविद्यालय के कौसाली इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज़ से MBA की पढ़ाई की है। इसके बाद 2006 में चंद्रा आर्य कनाडा चले गए। यहां उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पहले इंडो-कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष के तौर पर काम किया।

Hindi News / World / ‘हिंदू प्रधानमंत्री’ से डरा कनाडा! PM रेस से हिंदू सांसद चंद्रा आर्य को बाहर निकालने की क्या है वजह?

ट्रेंडिंग वीडियो