व्हाइट हाउस इज़राइल और लेबनान के साथ बातचीत करेगा
डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस ने यह भी कहा है कि अमेरिका 7 अक्टूबर, 2023 के बाद से पकड़े गए लेबनानी कैदियों की वापसी के लिए इज़राइल और लेबनान के साथ बातचीत करेगा, इज़राइल पर हमास का हमला, जिसने पहले छोटे पैमाने पर, इज़राइल और के बीच समानांतर लड़ाई शुरू की। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बयान में स्पष्ट रूप से युद्ध विराम का उल्लेख नहीं किया गया है, जिस पर संदेह बढ़ता जा रहा है, क्योंकि इज़राइली बलों ने रविवार को 22 लोगों को मार डाला।
इज़राइल का सैन्य अभियान समाप्त कर दिया
व्हाइट हाउस ने फ्रांस का भी कोई संदर्भ नहीं दिया, जिसने 27 नवंबर को युद्ध विराम तक पहुंचने के लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ काम किया था। इस समझौते ने लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के खिलाफ इज़राइल के सैन्य अभियान को समाप्त कर दिया। वहीं 60-दिवसीय समझौते के तहत, लेबनानी सेना को इज़राइल सेना हटने पर दक्षिण में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के साथ तैनात करना था।
छह महिलाओं सहित 22 लोगों को मार डाला
इज़राइल ने हाल के दिनों में स्पष्ट कर दिया है कि समय सीमा पूरी करने का उसका कोई इरादा नहीं है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, रविवार को इज़राइली बलों ने गोलीबारी की और छह महिलाओं सहित 22 लोगों को मार डाला, जब वे अपने गांवों में लौट रहे थे। इज़राइली सेना ने कहा कि उसने उन संदिग्धों को निशाना बनाया, जो उसके सैनिकों के लिए “तत्काल ख़तरा” थे।
इज़राइल-लेबनान युद्ध का अतीत : एक नजर
सन 1978 का इज़राइल-लेबनान युद्ध (Operation Litani) यह युद्ध 14 मार्च 1978 को इज़राइल ने शुरू किया था, जब इज़राइल ने लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र में पीएलओ (Palestine Liberation Organization) के आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया। इस युद्ध का उद्देश्य दक्षिणी लेबनान से पीएलओ के हमले रोकना था। इसके परिणामस्वरूप इज़राइल ने लेबनान के दक्षिणी इलाके पर क़ब्ज़ा कर लिया, लेकिन बाद में यूएन ने हस्तक्षेप करते हुए इज़राइल को अधिकांश क्षेत्रों से वापस लौटने के लिए मजबूर किया।
सन 1982 का इज़राइल-लेबनान युद्ध (Operation Peace for Galilee)
इस युद्ध का मुख्य उद्देश्य दक्षिणी लेबनान में पीएलओ की गतिविधियों को समाप्त करना था। इज़राइल ने इस युद्ध में लेबनान के बड़े हिस्से पर क़ब्ज़ा किया था और बीक़ा घाटी तक अपनी सेना को भेज दिया था। यह युद्ध बहुत लंबा चला और इसमें बड़े पैमाने पर नागरिक हताहत हुए। इस युद्ध के परिणामस्वरूप इज़राइल ने एक नई सरकार को स्थापित करने का प्रयास किया और लेबनान में बहुत राजनीतिक अस्थिरता रही।
सन 2006 का इज़राइल-लेबनान युद्ध (Second Lebanon War)
यह युद्ध इज़राइल और लेबनान में सक्रिय शिया विद्रोही समूह हिज़बुल्लाह के बीच हुआ। सन 2006 में हिज़बुल्लाह ने इज़राइल के एक सैन्य वाहन पर हमला कर दो सैनिकों को बंदी बना लिया था, इसके बाद इज़राइल ने हिज़बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयर स्ट्राइक शुरू की। युद्ध में हिज़बुल्लाह ने इज़राइल पर रॉकेट हमले किए और इज़राइल ने लेबनान के दक्षिणी क्षेत्रों में भारी हमले किए। यह युद्ध लगभग एक महीने तक चला और दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गए। युद्ध के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष विराम समझौते के तहत, लेबनान में शांति स्थापना के प्रयास किए।