अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले को लेकर मुंबई (पश्चिम) के एडिशनल सीपी परमजीत दहिया ने आज प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा, “अपराध स्थल से जो भी फिंगरप्रिंट एकत्र किए गए थे, उसे सीआईडी को दिए गए है और अभी तक उसकी कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है। हमें आरोपी के खिलाफ कई मौखिक, भौतिक और तकनीकी सबूत मिले हैं… पुलिस ने सही व्यक्ति को पकड़ा है…सभी गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और अप्रत्यक्ष गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं”
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि “सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि पीड़ित अभिनेता तड़के 2:47 बजे जख्मी हालत में लीलावती अस्पताल पहुंचे थे… पुलिस को सैफ पर हमले की जानकारी लीलावती अस्पताल ने दी थी, सैफ अली खान ने पुलिस का फोन नहीं किया था। आरोपी शरीफुल इस्लाम बांग्लादेश से आने के बाद कुछ दिनों तक कोलकाता में रुका था। हमारी टीम उन सभी लोगों के बयान दर्ज करने के लिए कोलकाता गई थी, जिन्होंने आरोपियों से मुलाकात की थी या उनकी मदद की थी।”
पुलिस को क्यों देनी पड़ी सफाई?
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि मुंबई पुलिस ने अभिनेता पर हमला करने के आरोप में 30 वर्षीय मोहम्मद शरीफुल इस्लाम (Mohammad Shariful Islam) को गिरफ्तार किया है, लेकिन उसके फिंगरप्रिंट घटनास्थल से लिए गए नमूने से मेल नहीं खाते हैं। जबकि बांग्लादेश में बैठे शरीफुल के पिता ने दावा किया है कि उनके बेटे को इस मामले में फंसाया जा रहा है। यहां तक कि अभिनेता की इमारत में लगे सीसीटीवी में जो संदिग्ध हमलावर दिख रहा है, वह शख्स उनका बेटा नहीं है।
इस मुद्दे को लेकर सियासत भी हो रही है और विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मीडिया को सैफ मामले में अपुष्ट खबरें नहीं दिखानी और लिखनी चाहिए। इससे कंफ्यूजन पैदा होती है। पुलिस पूरे मामले की सही तरीके से जांच कर रही है और जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी।